150+ Dil Se Shayari in Hindi | दिल को धड़काने वाली शायरी

By Shayari Mirchi

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Dil Se Shayari in Hindi

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Dil Se Shayari in Hindi

बदल जाती है ज़िंदगी की हक़ीक़त
जब तुम मुस्कुराकर कहते हो तुम बहुत प्यारे हो

 

सलीका हो अगर भीगी हुई आँखों को पढ़ने का…!!
तो ज़ज्बात भी मेरे कयामत का असर रखते हैं…!!!!

 

गिले भी है तुझसे, शिकायतें भी हजार हैं…!!
फिर भी ए जाने तमन्ना मुझे तुझसे ही प्यार है…!!!!

 

बदल गए वो लोग
जिनसे पहली मुलाकात में लगा था, कि
ये जिंदगी भर साथ देंगे।

 

वज़ह कुछ और थी…कुछ और बताते रहे,
वो अपने थे इसलिए कुछ ज़्यादा ही सताते रहे।

 

रात में ख्वाहिशें कुछ यूं दबी सी रह गई…!!
ख्वाब में तुमको ढूंढते-ढूंढते बस सुबह सी हो गई…!!

 

साथ भीगें बारिशों में ये तो अब मुमकिन नहीं,
चल भीगें यादों में…तू कहीं.. मैं कहीं।

 

सिर्फ लफ्ज़ नहीं ये दिलों की कहानी है…!!
हमारी शायरी ही हमारे प्यार की निशानी है…!!!!

 

अपने एकतरफ़ा प्यार को कैसे अधूरा कह दूँ
अपनी ओर से मोहब्बत तो मैंने पूरी की.

 

अब जोगन कह लो यार मुझे, मैंने जोग उसी का पाला है…!!
होठों पर उसके नाम की माला, मेरा यार हुआ मधुशाला है।

Dil Se Shayari in Hindi

 

कितना अच्छा लगता है, किसी के ख्याल में इस कदर खो जाना…!!
आँखें खुली रखना, मुस्कुराना, यूँ ही सुबह हो जाना…!!!!

 

छोड़ तो दूँ मैं लिखना,अभी के अभी, मगर…!!
किसी की साँसें चलती है,लफ़्ज़ों से मेरे…!!!!

 

अक्सर तुम्हारी निगाहों को मुस्कुराते देखा है मैंने…!!
अपनी मोहब्बत को तुम्हें दिल में छुपाते देखा है मैंने…!!!!

 

कब तक बना कर रखोगे मुन्तज़िर हमें
इससे अच्छा होगा बना दो मुज़रिम हमें.

 

मत चाहो किसी को इतना कि बाद में रोना पड़े,
क्योंकि ये दुनिया दिल से नहीं जरूरत से प्यार करती है…

 

मैं जानता हूं कहानी का आखिरी मंजर
मैं रोकता रहूँगा और वो चली जाएगी ||

 

हक़ीक़त ना सही तुम ख़्वाब बन कर मिला करो,
भटके मुसाफिर को चांदनी रात बनकर मिला करो.

 

हमारे सब्र की इंतहां क्या पूछते हो “फ़राज़”
वो हम से लिपट के रो रहे थे किसी और के लिए…..

 

सबने कहा..बेहतर सोचो तो बेहतर होगा………..
मैंने सोचा..उसको सोचूँ..उससे बेहतर क्या होगा…

 

कितना अच्छा लगता है ना जब मोहब्बत में कोई कहे,
क्यूँ करते हो किसी और से बात मैं काफी नहीं आपके लिए.

 

धागा ख़त्म हो गया मन्नतो में तुझे मांग कर
धड़कने बांध के आया हूँ अबकी बार तेरे नाम पर…!!

 

कुछ तो नशा होगा तेरे इश्क में ऐ दिलबर…
सारी आदतें अपनीे छोड के हम, तलब तेरी जो लगा बैठें हैं…

 

शागिर्द तो उसी दिन हम बन गए…..
उनकी निगाहों के साहिब….
जब उन्होंनें पलकें उठा के देखा और…
मुस्कुरा के चल दिये….

 

किस किस तरह छुपाऊं अब मैं तुम्हें,
मेरी मुस्कान में भी तुम नजर आने लगे हो।.

 

ना जाने क्यों बार बार मेरा दिल दुखाते हो तुम
इसे चाहत कहते हो, या मुझे इस तरह चाहते हो तुम।

 

सभी के नाम पर नहीं रुकती धड़कनें
दिल के भी कुछ उसूल हुआ करते हैं

 

बन साया साथ रहूंगा, क्यों तुम्हें तन्हा रहने दूंगा
सह लूंगा हर दर्द तेरा पर दर्द तुझे न सहने दूंगा

 

अब दिखाई नहीं देते हैं तो इसकी वजह तुम हो
कैसे बताऊँ अब नितेश की अब हर जगह तुम हो.

 

मैंने बस मोहब्बत की थी शिद्दत वाली..❤️
उसने लफ्जों के हेर – फेर में मार डाला..🥺

 

आंशू भी दर्द में अकेला छोड़कर बह जाते है…
जब दुख आता है जिंदगी में तब हम अकेले हो जाते है…

 

ध्यान तो तेरी आंखों में ही रहता है मेरा
लगता है इसमें हमशक्ल रहता हैं मेरा.

 

लाखों सवाल जहन में गुफ्तगू किया करते हैं…!!
बेपनाह मोहब्बत करने वाले क्यूँ ख़ामोश जिया करते हैं…!!!!

 

ऐ जिंदगी आ बैठ कहीं चाय ☕️ पीते हैं
तू भी थक गईं होगी मुझे भगाते भगाते.

 

तुझे खोने के दर से तुझे पाया ही नहीं
ज़िन्दगी भर तड़पता रहा तुझे बताया ही नहीं।

 

टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गए,
किसी को लग ना जाये इसलिए सबसे दूर हो गए।

 

कैंसे हो इतना तो पूंछ सकते हो ना…!!
ये बात तो सिर्फ इश्क़ में नहीं आती ना…!!!

 

किसी को भूल कर सो जाना इतना असान नहीं होता,
ये दिल के दर्द हैं जनाब ये दिखाई नहीं देता।

 

सूरज के सामने कभी रात नहीं होती…!!
श्मशान में जाने के बाद मुलाकात नहीं होती…!!!

 

मैने क्या दिया तुम्हे तुम क्या दे कर गई…!!
मैने तुम्हे खुशी दिया तु आँसू दे गई…!!!

 

शराबी हो तो बस शराब से तालुक रखों नितेश
उसकी आँखों मे डुबोगे तो बर्बाद हो जाओगे

 

मिल गया राह में कोइ तुम सा सनम
तो शिकायत रहेगी न अब इस जनम.

 

सांस भी लूँ तो तुम्हारी महक आती है…!!
तुमने ठुकराया है मुझे, इतने करीब आने के बाद…!!

 

चला गया वो हमें छोड़ कर बेगानों की तरह,
जैसे कभी हमे अपना समझा ही नही।

 

उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं,
ये दिल उसका है, अपना होता तो बात और थी।

 

तुझसे बात करना भी सजा सा लगता हैं,
यार बोलता ऐसे,ज्यादा खफ़ा सा लगता हैं..

 

अब मैं अपनी जिन्दगी से कोई हसरत क्यों करूँ,
बेवफाई उसने की है तो गाँव से नफरत क्यों करूँ।

 

पलकों पे रुका है समंदर प्यार का कितना
अजब नशा है जालिम तेरे प्यार का !!

 

नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यों नही,
इतनी ही फिक्र है तो फिर हमारे होते क्यों नही।

 

यें हमेशा हँसते मुस्कुराते लोग…
ज़रा सा जोर से गले लगाओ… तो, रों देते है…!!

Shayari Mirchi

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