Sad Shayari in Hindi for Life | 150+ सैड शायरी हिंदी में लिखी हुई

Sad Shayari in Hindi for Life

sad shayari in hindi for life | Sad Shayari Hindi Mein | सैड शायरी हिंदी में लिखी हुई | Sad Shayari For Lover In Hindi | Hindi Sad Shayari | life sad shayari | सैड शायरी हिंदी में..

Sad Shayari in Hindi for Life

तुम चाहे मुझसे कितनी भी दूर चली जाना..
मैं नहीं भूलूँगा तुम्हें अल्फ़ाज़ों से सजाना..

 

दिल को पिघलाता हुआ आँखों को गरमाता हुआ,
फिर ख्याल-ए-यार आया आग बरसाता हुआ।

 

कितनी कातिल है ये आरजु जिंदगी की,
मर जाते हैं किसी पर लोग जिने के लिए ।

 

अभी मियान में तलवार मत रख अपनी
अभी तो शहर में इक बे-क़सूर बाक़ी है।

 

हिचकियाँ दिलाकर हमारी उल्फत क्यूँ बढ़ा रहे हो,
बस इतना बता दो याद कर रहे हो या याद आ रहे हो।

 

दिल परेशान रहता है उसके लिए,
हम कुछ नही है जिनके लिए.

 

बरबाद बस्तियों में तुम किसको ढूंढ़ते हो,
उजड़े हुए लोगों के ठिकाने नहीं होते।

 

ना रात कटती है और ना ही जिंदगी..
एक शख्स वक़्त को बहुत धीमा कर गया ..

 

अब तो मेरे दुश्मन भी मुझे ये कह कर अकेला छोड़ गये,
की जा तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए।

 

जीने के लिए नहीं चाहा है तुम्हें…
तुम्हें चाहने के लिए जीते हैं अब हम…!!

 

इकरार नामा मुहब्बत का लिए घूमते हैं,
बस इक तेरे दस्तखत मिल जाते तो अच्छा था.

 

दर्द से भी ऐसे बतलाते हैं हम
कोई पूछे हाल बस मुस्कुरादेते हैं हम।

 

दुआ करो जो जिसे मोहब्बत करे वो उसे मिल जाये,
क्योंकि बहुत रुलाती है ये अधूरी मोहब्बत।

 

मिलना था इत्तेफ़ाक बिछड़ना नसीब था,
वो इतनी दूर हो गया जितने क़रीब था..

 

फिर उसी राह लौट जाने को दिल चाहता है,
जहां तू हो,मैं हूँ और मोहब्बत हो महज़..!!

 

मुझसे ही बुझ पायेगी तेरे लब की प्यास,
सागर नदिया से कहे आ जा मेरे पास।

 

ये तो सच है ये ज़िन्दगानी उसी को रुलाती है,
जिसके आँसू पोछने बाला कोई नही होता है।

 

खौफ से लेते नहीं नाम कि सुन न ले कोई,
चुपके-चुपके हम तुम्हें याद किया करते हैं।

 

मोहब्बत में हम सिर्फ उनसे हारें हैं,,,
जो ये कहते थे हम सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे हैं…

 

जिन दोस्तों को हमने आईना समझा था,
बस वो ही हमें आईना दिखाकर चले गए।

 

सनम की खातिर हार जानी पड़ती है जान भी,
कह देने भर से किस्से कभी मोहब्बत नहीं होती!

 

खुल जाता है तेरी यादों का बाज़ार सरेआम,
फिर मेरी रात इसी रौनक में गुज़र जाती है।

 

कौन कहता है कि धड़कनें बस सीने में होती हैं,
मैं लिखूं तुम्हें तो मेरी उँगलियाँ भी धड़कती है।

 

बहुत कुछ है कहने को पर ना जाने क्यों ,
अब कुछ ना कहूँ वही बेहतर लगता है…..!

 

मुझे मालूम था वह मेरा हो नही सकता मगर,
देखो मुझे फ़िर भी मोहब्बत हो गई उससे….

 

तेरी बेरूखी का अंजाम एक दिन यही होगा,
आखिर भुला ही देंगे तुझे याद करते करते।

 

ऐसा ना हो तुझे भी दीवाना बना डाले,
तनहाई में अपनी तू तस्वीर ना देखा कर।।

 

बहुत ही याद आता है मेरे दिल को तड़पता है,
वो तेरा पास न होना बहुत मुझको रुलाता है।

 

बड़ी कमउम्र थी तेरे इश्क़ की,
रूह तक पहुँचने से पहले ही दम तोड़ गई….

 

अब बुझा दो ये सिसकते हुए यादों के चराग,
इनसे कब हिज्र की रातों में उजाला होगा।

 

आज नजर भर उनको देखा तो यूँ लगा,
जैसे प्यासे ने पानी पहली बार पिया हो ।

 

वो अपनी जिंदगी में हो गए मसरूफ इतने,
किस किस को भूल गए अब उन्हें भी याद नहीं।

 

अब तेरे शहर में दिल नहीं लगता यारा,
मुहब्बत का तेरे शहर ने मजाक बना रखा है..!!

आज टूट गयी हूँ तो बच कर निकलते हो
कल आईना थी तो रुक रुक कर देखते थे।

 

बस तुम्हेँ पाने की तमन्ना नहीं रही…
मोहब्बत तो आज भी तुमसे बेशुमार करते हैं….

 

मैं धीमे लहजे का सीधा-साधा लड़का…!
कोई मोहब्बत से बोलता हैं,तो बहुत बोलता हूं….!!!

 

तुम ही आकर थाम लो ना मुझे,
सब ने छोड़ दिया है मुझे तेरा समझ कर..!!

 

बिछड़ी हुई राहों से जो गुजरे हम कभी,
हर कदम पर खोयी हुई एक याद मिल गयी।

 

हमने तो नफरतों से ही सुर्खियाँ बटोर ली जनाब..
सोचो अगर महोब्बत कर लेते तो क्या होता..

 

कितनी कातिल है ये आरजु जिंदगी की,
मर जाते हैं किसी पर लोग जिने के लिए ।

 

ना हक दीजिए इतना की,तकलीफ़ हो आपको,
ना वक्त दीजिए इतना की, ग़ुरूर हो उन्हें..!!

 

तू छोड़ रहा है तो ख़ता इस मे तेरी क्या..!
हर शख्स मेरा साथ निभा भी तो नही सकता..!

मुझको ढूँढोगे तो मेरे निशाँ तक न पाओगे,
तुम अपने दिल से पूछ लेना मेरा पता क्या है.!

 

बहुत ही खूबसूरत है तेरे एहसास की खुशबू,
जितना भी सोचते है उतना ही महक जाते है ।

 

मेरे तो दर्द भी औरों के काम आते हैं…
मैं रो पडूँ तो कई लोग मुस्कराते है..

 

मौसम की पहली बारिश का शौक तुम्हें होगा,
हम तो रोज किसी की यादो मे भीगें रहते है।

 

लहजा बदल देती है वो हवाओं का,
कुछ ऐसी हसीन लगती है वो साड़ी में!

 

तू मेरे सामने भी नजरअंदाज करती है मुझे,
में तेरी गैर मौजूदगी में भी महसूस करता हूं तुझे.

 

लिखने कि लत यूं ही नहीं लगी थी,
किसी की बात बहुत गहरी दिल पे लगी थी।

 

सुना हैं, बहुत मंदी हैं बाजार में
तभी तो इंसानियत बेची जाने लगी हैं खुले में.

 

बस एक मेरी मोहब्बत ही ना समझ पाए तुम ,
बाकी मेरी हर गलती का हिसाब बराबर रखतें हों ..

 

ना जाने किस बात पे वो नाराज हैं हमसे,
ख्वाबों मे भी मिलता हूँ तो बात नही करती..!!

रंग तेरी यादों का उतर पाया ना अब तक…
लाख बार खुद को आँसुओं से धोया भी हमनें..!

 

अब कोई आए चला जाए मैं ख़ुश रहता हूँ,
अब किसी शख़्स की आदत नहीं होती मुझ को..

 

तुम चाहे मुझसे कितनी भी दूर चली जाना..
मैं नहीं भूलूँगा तुम्हें अल्फ़ाज़ों से सजाना..

 

हम मोहब्बत से मोहब्बत फैलाते.. है साहब..
नफरत के लिए हमारे पास फुर्सत नहीं है।।

 

हाँ मुझे मोहब्बत करनी ही नहीं आती,
जा किसी और की, होने की इजाज़त है तुझे.!

 

ये मेरी महोब्बत और उसकी नफरत का मामला है,
ऐ मेरे नसीब तू बीच में दखल-अंदाज़ी मत कर..!!

 

तूझसे तो महबूब भी नहीं बना गया,
और देख हम तेरे इश्क में फकीर हो गए।।

I am Blogger and Digital Marketer.