Khamoshi Shayari in Hindi | 150+ ख़ामोशी शायरी हिंदी में

Khamoshi Shayari in Hindi

Khamoshi Shayari in Hindi | दिल की खामोशी शायरी | Sad Emotional Shayari In Hindi | खामोशी शायरी 2 लाइन | Khamoshi Shayari in Hindi | बेवजह खामोशी शायरी |

Khamoshi Shayari in Hindi

हर तरफ़ थी ख़ामोशी और ऐसी ख़ामोशी
रात अपने साए से हम भी डर के रोए थे

 

मुस्कुराहट दिखी पर आँखों की नमी न दिखी ।
दिल दुखाने वालों को कभी अपनी कमी न दिखी।

 

मुठ्ठी भर शिकायतों से दरारें नहीं पड़ती,
अगर रिश्तों की बनावट में झूठ ना हो !!

 

गैरों की बातो पर तो अनजान लड़ते है,
वो रिश्ता ही क्या जो दुसरो की बातों के बेहकावे में आ जाए !!

 

किसीको उजाड़ कर बसे तो क्या बसे,
किसीको रुला कर हसे भी तो क्या हसे !!

 

छुटे हुए हाथो का छुटना.. अब ओर नही अखड़ता
फर्क पड़ चुका है इतना.. कि अब कोई फर्क नही पड़ता.

 

किसीको एक पल की भी ख़ुशी देते वक्त,
अपनी तकलीफ की फिकर मत करो !!

 

खुदख़ुशी करने से मुझे कोई परहेज नहीं है गालीब…
बस शर्त इतनी है फंदा तेरी जुल्फों का हो….!!

 

अब भी बिखरती होगी ग़ालों पर ज़ुल्फ़े उनकी
अब कोई और उन्हें प्यार से सुलझाता होगा..!

 

खुद को अपनी नजरों से गिराना छोड़ दो,
जब लोग तुम्हें ना समझे तो उन्हें समझाना छोड़ दो !!

 

“इश्क़” करो खुद जान जाओगे तुम,
कि “इश्क़” है धोखेबाज खुद “मान” जाओगे तुम…..💕

 

मेरा ही पागलपन था… जो इस दौर में भी,
तेरी “सुलझी” हुई जुल्फ़ों में “उलझ” गया !!

 

कितनी अजीब बात है…दूरियां सिखाती है…!
नजदीकियाँ क्या होती है..

 

चार दिन की ज़िन्दगी में, किससे कतरा कर चलूँ .!
खाक हूँ मैं,खाक पर, क्या खाक इतराकर चलूँ..!!

 

अफवाहे सुनकर “बदनाम” मत करना,
समझना है तो “मिलकर” बात करना!!

 

ऐ दिल ! होश में रहा कर ,
कोई भी तोड़ देता है ‘ खुद को महफूज़ रखा कर ! 💔

 

भटक जाते है लोग अक्सर इश्क की गलियों मे
इस सफर का कोई एक नक्शा तो होना चाहिए।

 

मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था,
जब वो बेवफा निकला, मैं भी खामोश हो गया.

 

ना जाने कोनसी शिकायतों का हम शिकार हो गए,
जितना दिल साफ रखा उतना गुनहगार हो गए….!!

 

कभी कभी रिश्तों की किंमत वो समझा देते है,
जिनसे हमारा कोई रिश्ता नहीं होता !!❤️

 

हुस्न,तलब,मदहोशीयां….क्या क्या लेके आये हो,
फकत दिल ही तो जीतना था आप तो पूरी फौज लेके आये हो।।😉

 

बेपरवाह हो जाते है अक्सर वो लोग जिन्हे कोई,
हद से ज्यादा प्यार करने लगता है।

 

थोड़ी फ़िकर ,थोड़ी कदर कभी कभी खेर खबर ,
इन छोटी छोटी बातों का होता बहुत असर …..!!

 

दर्द वही, तलब वही , ख्वाब वही..
लोग कहते है 2024 साल नया है…!!

 

मैंने देखा है उसे गैरों से अतरंगी बातें करते …..
उस दिन से मैंने प्रेम को गंगा में विसर्जित कर दिया .!!

 

इश्क़ से नशीला कोई नशा नही होता है…..
घुट घुट पीते है और कतरा कतरा मरते है…!!

 

जर्रा-जर्रा समेट कर खुदको बनाया है मैंने,,,¡¡
मुझसे ये न कहना बहुत मिलेंगे तुम जैसे…!!

 

लम्हे फुर्सत के आएं तो, रंजिशें भुला देना दोस्तों,
किसी को नहीं खबर कि सांसों की मोहलत कहाँ तक है!!

 

दिल करता है तेरे सीने में दिल बन के रहें…
तुम धड़कनों को संभालो और हम धड़कते रहें..

 

अब जुदाई के सफ़र को मेरे आसान करो,
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर अब न परेशान करो।

 

दिसंबर भी बीत जाएगा कोशिश-ए-एतबार में..
फिर नए साल की शुरूआत होगी एक तेरे इंतजार मे..

#81

है एक शख्स जो बहुत सताता है,
सुकून भी न जाने क्यो उसी के पास आता है….!!!

#82

बाक़ी सब फीका और सादा हो जाए,
बस तुम्हारा प्रेम हर रोज मेरे लिए ज़्यादा हो जाए…!!!

#83

हमको कुछ और भी चेहरे मयस्सर थे,
हमने जल्दी में तुझे चाह कर गलती कर दी.. 💔

 

समझने वाले तो ख़ामोशी भी समझ लेते हैं
न समझने वाले जज़्बातों का भी मज़ाक़ बना देते हैं

#84

सिर्फ लफ्ज़ नहीं ये दिलों की कहानी है,
मेरी शायरी ही मेरे प्यार की निशानी है।।

#85

औ फिर ज़िंदगी ने एक  सफ़र ऐसा भी करवाया,
जिसमें पाँव नहीं दिल थक गया मेरा….

#86

तेरे ख्यालों को यूँ ही लफ्ज देने लगे है,
और लोग कहते है हम शायरी करने लगे है।।

#87

इन शायरियों में खो गया है कहीं सकुन मेरा,
जो तुम पढ़कर मुस्कुरा दो तो वसूल हो जाए..

#88

ये मत सोचना के आस छोड़ दी है,
बस अब मैंने तेरी तलाश छोड़ दी है ।।

#89

ख़बर नहीं मुझको ये ,कौन सा दर्जा-ए- इश्क़ है,
कि लफ़्ज़ सब मेरे हैं और ज़िक्र बस तुम्हारा है ।।

#90

लाज़िम नहीं हर बार तुझे हम हों मयस्सर,
मुमकिन है तू इस बार हमें सच में गंवा दे..!!!

 

जब कोई बाहर से खामोश होता है,
तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं.

 

गिला शिकवा ही कर डालो के कुछ वक़्त कट जाए,
लबो पे आपके यह खामोशी अच्छी नहीं लगती।

 

बड़े ही पक्के होते हैं सच्ची दोस्ती के रंग
ज़िंदगी के धूप में भी उड़ा नहीं करते।

 

दिल की धड़कने हमेशा कुछ-न-कुछ कहती हैं,
कोई सुने या न सुने ये ख़ामोश नहीं रहती हैं.

 

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