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Very Sad Shayari in Hindi
जिदगी एक सजा सी हो गई हैं…
गम के सागर मे इस कदर खो गई है…
तुम आ जाओ वापिस यह गुजारिश है मेरी …
शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गई है..
अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।
सुबह का जाम है या सतरंगी शाम है…
हमने हर घूंट पर लिखा बस तेरा ही नाम है…
ग़म की मय आंखों से छलका दो साकी…
भर दो पैमाना बता दो जितना भी दाम है…
चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत हैं,
हम उसकी याद में परेशान बहुत हैं,
वह हर बार दिल तोड़ते है ये कह कर कि,
मेरी उम्मीदों की दुनिया में अभी मुकाम बहुत हैं।
सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा,
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा,
ना जाने क्या बात थी उनमे और हम में,
सारी महफ़िल भूल गए बस वो चेहरा याद रहा।
न हम रहे दिल लगाने के काबिल,
न दिल रहा ग़म उठाने के काबिल,
लगे उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर,
न छोड़ा उसने मुस्कुराने के काबिल।
चले जायेंगे मगर यादें सुहानी छोड़ जायेंगे,
आपके दिल में अपनी निशानी छोड़ जायेंगे,
कभी रोअगे तो कभी मुस्कुराओगे,
हम इश्क़ की ऐसी कहानी छोड़ जायेंगे।
रोज साहिल से समंदर का नजारा न करो,
अपनी सूरत को शबो-रोज निहारा न करो,
आओ देखो मेरी नजरों में उतर कर खुद को,
आइना हूँ मैं तेरा मुझसे किनारा न करो।
हर तन्हा रात में एक नाम याद आता है,
कभी सुबह कभी शाम याद आता है,
जब सोचते हैं कर लें दोबारा मोहब्बत,
फिर पहली मोहब्बत का अंजाम याद आता है।
मेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज्र के दौर में गुजरी मुलाकातें रुलायेंगी,
दिनों को तो चलो तुम काट भी लोगे फसानो में,
जहां तन्हा मिलोगे तुम तुम्हें रातें रुलायेंगी।
सब खुशियाँ तेरे नाम कर जाएंगे,
ज़िन्दगी भी तुझ पे कुर्बान कर जाएँगे,
तुम रोया करोगे हमें याद कर के,
हम तेरे दामन में इतना प्यार भर जाऐंगे।
रब किसी को किसी पर फ़िदा न करे,
करे तो क़यामत तक जुदा न करे,
ये माना की कोई मरता नहीं जुदाई में,
लेकिन जी भी तो नहीं पाता तन्हाई में |
कुछ लहजा हुआ तल्ख तो वो बुरा मान गए…
हमारी मोहब्बत से वह अनजान हो गए…
ए परिन्दे इतना कमजोर निकला प्यार तेरा…
कि शायद आज हम अपनी मोहब्बत से ही हार गए…
अपने दिल की सुन अफवाहों से काम न ले,
मुझे याद रख बेशक मेरा नाम न ले,
तेरा वहम है कि मैं भूल गया हूं तुझे…
मेरी कोई सांस नहीं जो तेरा नाम न ले।।।
कौन कहता है हम उसके बिना मर जायेंगे
हम तो दरिया है समंदर में उतर जायेंगे
वो तरस जायेंगे प्यार की एक बून्द के लिए
हम तो बादल है प्यार के किसी और पर बरस जायेंगे।
क़दर करलो उनकी जो
तुमसे बिना मतलब की चाहत करते हैं
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम
और तकलीफ देने वाले ज़्यादा होते है।
तेरी महफ़िल के शायर भी हमें सलाम करते हैं,
हम मोहब्बत-ए-आगाज़ भी जो सरेआम करते हैं l
जलते हुए चिराग़ भी हो जाते हैं हमारे दिवाने,
हम इबादत-ए-इश्क़ का जो कलाम करते हैं,.
अधुरे चाँद से फरियाद तो करती होगी,
वो मेरी याद में हद से गुजरती होगी,
वो बहुत मसरूफ सही दिन भर लेकिन,
तन्हाई के कुछ पल बर्बाद तो करती होगी.
दिल को उसकी हसरत से खफ्फा कैसे करू,
अपने रब को भूल जाने की ख़ाता कैसे करू,
लहू बनकर राग राग मे बस गया है वो
लहू को इस जिस्म से ज़ुदा कैसे करू.
हर बार तुझसे बस मेरा एक सवाल होता है…
आखिर कब तक होंठ तेरा खामोश रहेगा…
बिना कुछ कहे तुझसे जो कुछ कर गुजरा तो…
मरने के बाद भी बड़ा अफसोस रहेगा…
वह मुझ तक आने की राह चाहता है…
लेकिन मेरी मुहब्बत का गवाह भी चाहता है…
खुद आते जाते मौसमों की तरह है…
और मेरे प्यार की इन्तेहा चाहता है…
उल्फत बदल गई कभी नियत बदल गई,
ख़ुदग़र्ज़ जब हुए तो फिर सीरत बदल गई..!!
अपना कुसूर दूसरों के सर पर डाल कर,
कुछ लोग सोचते हैं हकीक़त बदल गई..!!
उनकी पनाह में जीने को जी चाहता है,
बस एक सिर्फ़ उनके हो जाने को जी चाहता है ।
तमाम आलम से ‘अंजुम’ गुमनाम होकर के,
उनकी धड़कन में बस जाने को जी चाहता है ।
मुझे मालूम है कि वो रास्ते
कभी मेरी मंजिल तक नहीं जाते हैं,
फिर भी मैं चलता हूँ क्यूँ कि
उस राह में कुछ अपनों के घर भी आते हैं..!
आज मौसम कुछ नया रंग ले के आया है,
बारिश में हलकी सी धूप ले के आया है,
एक बात समझ नहीं आती प्रिहू कि,
आखिर कातिल ने हथियार कहाँ छुपाया है?..
तुमने दिल की बात कह दी आज ये अच्छा हुआ
हम तुम्हें अपना समझते थे बड़ा धोखा हुआ
आपकी आँखों में ये आँसू कहाँ से आ गये
हम तो दीवाने है लेकिन आप को ये क्या हुआ.
सर झुकाने की आदत नहीं हैं
हमें आँसू बहाने की आदत नहीं है हमें
हम खो जायेंगे तो पछताओंगे तूम
क्योंकि वापस आने की आदत नहीं है हमें
इतना मीठा था वो गुस्से भरा लेहजा मत पू्छ
उसने जिस जिस को भी जाने का कहा बैठ गया।
उसकी मर्जी वो जिसे पास बिठा ले अपने
इसपे क्या लडना कि फलां मेरी जगह बैठ गया।।
तुम समझ लेना बेवफा मुझको
मै तुम्हे मगरूर मान लूँगा
ये वजह अच्छी होगी
एक दूसरे को भूल जाने के लिये
ये मैंनें कब कहा कि मेरे हक में फैसला करे
अगर वो मुझसे खुश नहीं है तो मुझे जुदा करे।
मैं उसके साथ जिस तरह गुजारता हूँ जिंदगी,
उसे तो चाहिये कि मेरा शुक्रिया अदा करे।
आपकी परछाई हमारे दिल में है,
आपकी यादें हमारी आँखों में हैं,
आपको हम भुलाएं भी कैसे,
आपकी मोहब्बत हमारी सांसो में हैं।
क़दर करलो उनकी जो
तुमसे बिना मतलब की चाहत करते हैं
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम
और तकलीफ देने वाले ज़्यादा होते है।
कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी.
जब भी उनकी गली से गुज़रते हैं
मेरी आँखें एक दस्तक दे देती हैं
दुःख ये नहीं वो दरवाजा बंद कर देते हैं
ख़ुशी ये है कि वो मुझे पहचान लेते हैं।
मोहब्बत की सजा बेमिसाल दी उसने
उदास रहने की आदत सी डाल दी उसने
मैंने जब अपना बनाना चाहा उसको
बातों-बातों में बात टाल दी उसने।