Two Line Alfaaz Shayari | दो लाइन लव शायरी इन हिंदी | Khamosh alfaaz Shayari In Urdu | दिल के अल्फ़ाज़ शायरी | Alfaaz Shayari In Hindi | Two Line Alfaaz Shayari in Hindi | अल्फ़ाज़ शायरी हिन्दी में .
Two Line Alfaaz Shayari in Hindi
दिल चाहे हज़ार बार चीखे, उसे चिल्लाने दीजिये,
पर जो आपका नहीं हो सकता,उसे जाने दीजिए।
तुम जहां भी रहो बस चैन से रहना यारा,
‘तेरा साथ नहीं’ ‘तेरा सुकून’ मेरा मकसद है।
हर एक राज़ कह दिया बस एक जवाब ने,
हमको सिखाया वक़्त ने, तुमको किताब ने।
साथ जब भी छोड़ना मुस्कुरा कर छोड़ना…,
ताकि दुनिया ये न समझे…हममें कोई दूरी थी…!
दिल की बातें जुबां से कह नहीं सकता,
तेरे प्यार में डूबा हुआ हूँ, ये दिल बता नहीं सकता।
कुछ रिश्तों में रूह की गाँठ बंधी होती है…!!
वही फेरे होते हैं, मोहब्बत से मोहब्बत के…!!!
तुझसे मोहब्बत है, ये खुदा से जो गवाह है,
दुआओं में तू ही है, और कुछ नहीं वाह है।
दिल की बातें अल्फाजों में छुपी रहती हैं,
जब भी मिलते हैं वो, दिल की धड़कन तेज हो जाती है।
एक तुम ही हमारे किसी तरह से ना हुए,
वर्ना होने को दुनियाँ में क्या-क्या नहीं होता।
तहज़ीब ना सिखाइए मोहब्बत में हमें…!!
एक मुद्दत से सिर्फ तस्वीरों में देखा है उन्हें…!!!!
हम दोनों ही करते हैं यूँ उल्फत का पूरा इंतजाम…!!
दिल को छूना मेरा काम और दिल को धड़काना उसका काम…!!!!
चाँद की चाहत में रातें गुजरी हैं,
तेरे ख्वाबों में ही जिन्दगी बिताई है।
जिद करना तभी अच्छा होता है जब किसी का उससे
भला होता है…उस जिद क्या करना जिससे किसी का दिल तबाह होता है…
दिल की बातें अल्फाजों में छुपी हैं,
खुदा से मिलकर एक मन्ज़िल पायी है।
लिख कर ख्वाहिशें कागज पर मैं रोज मिटाता हूँ…!!
तेरी जुस्तजू ना करे..दिल को रोज समझाता हूँ…!!!
मन बावला हो जाता है उसके इन्तज़ार में…!!
जाने कौनसी बात है, इस निगोडे़ के प्यार में…??
बहुत संभाल के रख़ें हैं तुम्हारे ख़याल…!!
एक तस्वीर, वो बेपनाह इश्क और कई साल…!!!
तुम इश्क की ख़ुद इक दुनिया हो शायद ये तुम्हें मालूम नहीं.!
महफ़िल में तुम्हारे आने से हर चीज़ पे नूर आ जाता है.!!
दिल की दहलीज़ पर तेरा इंतजार है,
तू है मेरी जिन्दगी, तेरी तलाश है।
मोहब्बत दिल में गर हो तो ज़ुबां पर भी मचलती है…!
ये खुशबू है..बिखर कर के हवाओं में महकती है…!!
दिल की धड़कनों में बसा है तू,
तू ही है मेरी ज़िंदगी का मतलब हर पल।
हाथ रख दिल पे मेरे और कसम खा के बता…!!
क्या मेरी तरह तुझे चाहने वाला कोई है…??
मेरी तन्हाइयों तुम ही लगा लो, मुझको सीने से,
कि मैं घबरा गया हूँ इस तरह, रो रो के जीने से..,,
आज मौसम का गुरूर तो देखो
जैसे मेरे महबूब का दीदार कर आया हों.
ख़ामोशी से सब कह दिया, ये सलीका था मेरा,
तुम सुन कर समझ न पाया, वो तरीका था तेरा..,,
अगर ज़िंदगी में मोहब्बत न होती…!!
किसी को किसी की जरूरत न होती…!!!
चलते चलते थक गया तो पूछा पाँव के छालों ने…!!
कितनी दूर बसाई है दुनिया तेरे चाहने वालो ने…!!!
तुझसे मिलकर_मैं तुझमे ही बस जाऊँ
तू गंगा बने तो_मैं ऋषिकेश हो जाऊँ !!
अभी भी नरम बातों की महक आती है साँसों में…!!
कैसे तुमने गले लगाया था, हमें बातों ही बातों में..!!!
इश्क़ में सुकूँ कहाँ? बेकरारी ही बेकरारी…!!
हिस्से में कभी हमारी,कभी तुम्हारी बारी…!!!
कोई शर्त नहीं है, कोई शिकायत नहीं है तुमसे,
बस सीधी सी मुहब्बत है, दीदार की चाहत है तुमसे,,..
इश्क़ की नीलामी थी वफ़ा के बाजार में,
जो बेवफ़ा था मोहब्बत खरीद ले गया।
हर बात पे महके हुए जज़्बात की खुशबू…!!
आज याद बहुत आयी, उनसे मुलाक़ात की खुशबू…!!
कर दिया ना फिर से तन्हा…!!
कसमें तो ऐसे खाते थे, जैसे सिर्फ मेरे हो तुम…!!
नज्मों से ना तोलो जज़्बातों को…!
कागज़ पर उतारने में और दिल से गुज़रने में फर्क होता है..!!
बड़ी आरूजु थी महबुब को बेनकाब देखें,
दुपट्टा जो सरका तो जुल्फें दीवार बन गई।
मैं तुझको जागती आँखों से छूू सकु ना कभी…!!
मेरी अना का भरम रख ले मेरे ख़्वाब में आकर…!!!
मेरा चेहरा इसलिए भी ज़र्द रहता है…!!
मुझे अपने अलावा भी किसी का दर्द रहता है…!!!!
तुझसे मोहब्बत की है रोशनी रोशनी,
तू है मेरी जिन्दगी की सबसे ख़ास कहानी।
तेरी यादों की मिठास से भरा है दिल मेरा,
जबसे तू दूर है, हर दिन बीतता है कई पल उसके इंतजार में।
कशिश भी रही, कश्मकश भी रही…!!
आखिर में लेकिन..बस कसक ही रही…!!!!
हमारे ख्वाब में अक्सर, तुम्हारे अक्स आते हैं…!
लब खामोश हैं लेकिन नयन, सब कुछ बताते हैं…!!
तुम चाहे मुझसे कितनी भी दूर चले जाना…!!
मैं नहीं भूलूँगा तुम्हें अल्फ़ाज़ों से सजाना…!!!
कर लेना दिल से बस याद तुम हमको इकबार…!!
खयाल-ए-इंतज़ार से पहले हम तुम्हारे होंगे…!!!!
एक नया फूल खिला अफसाने में…!!
उसने मुड़ कर देख लिया अनजाने में…!!!!
अकसर वो फ़ैसले मेरे हक़ में गलत हुए.!!
जिन फ़ैसलों के नीचे तेरे दस्तख़त हुए…!!!
जहां रुक जाऊं वहीं मिल जाना तुम…!!
इस भीड़ में मुझे, कोई अपना भी चाहिए…!!!!
लाजमी था…उसका गुरूर करना,
हम इश्क़ की जगह उसकी इबादत जो कर बैठे!
दिल की धड़कनों में बसी तेरी यादें,
जिंदगी की हर राह में हो तू साथ मेरे।
जुदाई इश्क़ का दस्तूर क्यूँ है हम नहीं समझे..
मोहब्बत इस क़दर मजबूर क्यूँ है हम नहीं समझे..
ना जाने.. करीब आना किसे कहते है,
मुझे तो.. आपसे दूर जाना ही नही आता।
उठ जाता है भरोसा तो दोबारा नहीं हो सकता,
जो आंसुओ की वजह बने वो कभी तुम्हारा नहीं हो सकता।
मौसम में भी रंग भर जाता था,
जब वो छत पर नज़र आता था।।
“गुज़र चुका जो वक़्त उसको याद करना क्या,
अब बहुत हुआ ऐ इश्क़ तेरे लिए रोज़ रोज़ मरना क्या?”
छुपती फिरेंगी शर्म के मारे उदासियां,
बस इक मेरे महबूब के हंसने की देर है..!
इस दिल में किस किस को जगह दें साहब…!!
ग़म रखें, दम रखें, फरियाद रखें या तेरी याद रखें…!!
हमने बस मोहब्बत की थी शिद्दत वाली,
उसने लफ़्ज़ों वादों के हेर-फेर में मार डाला।
साथ भीगें बारिशों में ये तो अब मुमकिन नहीं,
चल भीगें यादों में…तू कहीं.. मैं कहीं।
असल में वो रुका हुआ नहीं था…,
मैं ने पकड़ा हुआ था…छोडा…छूट गया।
हल्की कत्थई!! ख़ूब गहरी सी वो मस्त-मलंग आँखें…!!
हाय रब्बा!! कह गयी खामोशी में भी हजार बातें…!!!!
इश्क़ में तुम तो सिर्फ़ रुसवा हुए हो,
मगर हम तो सरेआम तमाशा हो गए।
फिर कोई जुदा नहीं कर पायेगा हमें,
अगले जन्म आऊंगा तेरे मजहब का बन कर,..
सिर्फ लफ्ज़ नहीं ये दिलों की कहानी है…!!
हमारी शायरी ही हमारे प्यार की निशानी है…!!!!
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है आज फिर…
ये इश्क भी बेसबब..हसरतें पाल लेता है…!!
रेत का सफर है..और दरिया थाम लेता है…!!!!
अजीब किस्सा है उनके और हमारे दरमियान…!!
वो मुझे तोड़ने में कसर नहीं छोड़ते ,, हम उन्हें टूटकर
चाहने में…!!
तेरी यादों का आगाज़ तो हुआ ही था,
पर अब तक वो ख्वाब बिना तेरे सज नहीं सकता।