सैड शायरी फॉर गर्लफ्रेंड | Sad Shayari in Hindi For Girlfriend | सैड शायरी हिंदी में लिखी हुई | Sad Shayari in Hindi For Boyfriend | सैड शायरी इन हिंदी फॉर बॉयफ्रेंड | सेड शायरी हिंदी में.
Sad Shayari in Hindi For Girlfriend
उसने बस यूँ ही उदासी का सबब पूछा था,
मेरी आँखों में सिमट आये समंदर सारे।
सलीका हो अगर भीगी हुई आँखों को पढ़ने का,
तो फिर बहते हुए आँसू भी अक्सर बात करते हैं।
पलकों के बंध तोड़ के दामन पे गिर गया,
एक अश्क मेरे ज़ब्त की तौहीन कर गया।
उजड़ जाते हैं सर से पाँव तक वो लोग,
जो किसी बेपरवाह से बे-पनाह मोहब्बत करते हैं
कहते हैं उम्मीद पे जीता है जमाना,
क्या करे जिसकी कोई उम्मीद नहीं है।
इत्तिफ़ाक़ समझो या मेरे दर्द की हकीक़त,
आँख जब भी नम हुई वजह तुम ही निकले।
देख उनको चश्म-ए-नम मैं खुश हुआ हूँ आज यूँ
है अभी उम्मीद-ए-उल्फत कायम अपने दरमियां ।
वापसी का सफ़र अब न मुमकिन होगा,
हम निकल चुके हैं आँख से आँसू की तरह।
ये सानेहा भी मोहब्बत में बार-हा गुजरा,
कि उस ने हाल भी पूछा तो आँख भर आई।
इतनी शिद्दत से ना कर तर्क-ए-ताल्लुक का सवाल,
ऐसा ना हो कि हम से तेरी बात ना टाली जाए।
काश आँसुओ के साथ यादें भी बह जाती,
तो एक दिन तसल्ली से बैठ कर रो लेते।
Sad Shayari in Hindi For Girlfriend
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,
तमाम उम्र जिन आँखों को झील लिखते रहे।
अब सोच रहे हैं सीख ही लें हम भी बेरुखी करना,
मोहब्बत देते देते सबको हमने अपनी ही कदर खो दी।
मेरे मुक़द्दर को भी गिला रहा है मुझसे,
कि किसी और का होता तो संवर गया होता।
किसी को इतना न चाहो कि भुला न सको,
यहाँ मिजाज बदलते हैं मौसम की तरह।
बस इतनी बात पे सब अहल-ए-महफ़िल हो गए बरहम,
कि तेरे नाम के हमरा मेरा नाम क्यूँ आया।
बिखरा वज़ूद, टूटे ख़्वाब, सुलगती तन्हाईयाँ,
कितने हसींन तोहफे दे जाती है ये मोहब्बत।
अगर मैं भी मिजाज़ से पत्थर होता,
तो खुदा होता या तेरा दिल होता।
उनके पास आने की ख्वाहिश तो बहुत थी मगर,
पास आकर पता चला मोहब्बत फासलों में है।
रोया हूँ तो अपने दोस्तों में,
पर तुझ से तो हँस के ही मिला हूँ।
अब तुम को भूल जाने की कोशिश करेंगे हम
तुम से भी हो सके तो न आना ख़याल में।
Sad Shayari in Hindi For Girlfriend
नजर बचा कर गुजर जाएँ वो मुझसे लेकिन,
मेरे ख्याल से दामन वो बचा नहीं सकते।
अजीब हाल है इस अधूरी मोहब्बत में रातों का,
उजाला हो जाता है लेकिन आँखों से अँधेरा नहीं जाता।
एक नजर देख के सौ नुक्स निकाले मुझमें,
फिर भी मैं खुश हूँ मुझे गौर से देखा तूने।
कुछ इतने दिए हसरत-ए-दीदार ने धोखे,
वो सामने बैठे हैं यकीन हम को नहीं है।
धुआँ धुआँ जला था दिल धीमे धीमे गुबार उठा,
राख के उस ढेर में बिखरा हुआ एक ख्वाब मिला।
तेरी निगाह में एक रंग-ए-अजनबियत था,
किस ऐतबार पे हम खुल के गुफ्तगू करते।
फुरसत अगर मिले तो मुझे पढ़ना जरूर,
नाकाम ज़िंदगी की मुकम्मल किताब हूँ मैं।
हक़ीक़त खुल गई हसरत तेरे तर्क-ए-मोहब्बत की,
तुझे तो अब वो पहले से भी बढ़ कर याद आते हैं।
बस यही बात कि किसी को ना चाहों दिल से,
तज़ुर्बे इस के सिवा उम्र को क्या देते हैं।
मुमकिना फ़ैसलों में एक हिज्र का फ़ैसला भी था,
हम ने तो एक बात की उस ने कमाल कर दिया।
ऐसा नहीं है कि अब तेरी जुस्तजू नहीं रही,
बस टूट कर बिखरने की आरज़ू नहीं रही।
हमारी खोज में रहती थीं तितलियाँ अक्सर,
कि अपने शहर का हुस्न-ओ-जमाल थे हम भी।
Sad Shayari in Hindi For Girlfriend
बेदिली क्या यूँ ही दिल गुजर जायेंगे,
सिर्फ जिंदा रहे हम तो मर जायेंगे।
अब तो इस राह से वो शख़्स गुज़रता भी नहीं,
अब किस उम्मीद पे दरवाज़े से झाँके कोई।
तू मुझे अपना बना या न बना तेरी ख़ुशी,
तू ज़माने में मेरे नाम से बदनाम तो है।
सिखा दी बेरुखी भी ज़ालिम ज़माने ने तुम्हें,
कि तुम जो सीख लेते हो हम पर आज़माते हो।
वो एक ख़त जो उसने कभी लिखा ही नहीं,
मैं रोज बैठ कर उसका जवाब लिखता हूँ।
मैंने हक़ दिया है तुझको मेरे साथ दिल्लगी का,
मेरे दिल से खेल जब तक तेरा दिल बहल न जाये।
उठ के पहलू से चले हो तो बताते जाना,
छोड़ कर जाते हो अब किसके सहारे मुझको।
दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ या रब,
क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो।
तुम ना लगा पाओगे अंदाजा मेरी तबाही का,
तुमने देखा ही कहाँ है मुझको शाम के बाद।
अपनी तबाहियों का मुझे कोई ग़म नहीं
तुम ने किसी के साथ मोहब्बत निभा तो दी।
Sad Shayari in Hindi For Girlfriend
मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना,
कभी मिलने की हसरत कभी देखने की तमन्ना।
हुए जिस पे मेहरबाँ तुम कोई खुशनसीब होगा,
मेरी हसरतें तो निकलीं मेरे आंसुओं में ढलकर।
दस्त-ए-तक़दीर से हर शख्स ने हिस्सा पाया,
मेरे हिस्से में तेरे साथ की हसरत आई।
आये भी लोग, गये भी, उठ भी खड़े हुए,
मैं जा ही देखता तेरी महफिल में रह गया।
बस ये हुआ कि उस ने तकल्लुफ़ से बात की,
और हम ने रोते रोते दुपट्टे भिगो लिए।
हाथ मेरे भूल बैठे दस्तकें देने का फ़न,
बंद मुझ पर जब से उस के घर का दरवाज़ा हुआ।
शिकायतें भी थी उसे तो मेरे ख़ुलूस से,
अजीब शख्स था मेरी आदतें ना समझ सका।
बिछड़ के मुझसे तुम अपनी कशिश न खो देना,
उदास रहने से चेहरा खराब होता है।
किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी,
ये हुस्न-ओ-इश्क़ तो धोखा है सब मगर फिर भी।
इतना भी इख्तियार नहीं मुझको वज़्म में,
शमाएँ अगर बुझें तो मैं दिल को जला सकूँ।
नसीब अपना असर हर हाल में दिखला ही जाता है,
चलो कितना संभलकर पाँव ठोकर खा ही जाता है।
देख कर मुझको निगाहें फेर क्यूँ लेते हो तुम,
क्या मेरे चेहरे पे अपना अक्स दिखता है तुम्हें।
अजीब तरह से गुजर गयी मेरी भी जिंदगी,
सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ, मिला कुछ।
तुम राह में चुप-चाप खड़े हो तो गए हो,
किस-किस को बताओगे घर क्यों नहीं जाते।