Sad Poetry in Hindi | सैड पोएट्री इन हिंदी | Love Poetry in Hindi | रुलाने वाली कविता | Sad Love Poem in Hindi | Sad Poetry in Hindi for Love | Very Sad Poetry in Hindi.
Sad Poetry in Hindi
कितने नायाब ज़ख्म उकेर रहा हूँ,
मैं जल रहा हूँ मैं चल रहा हूँ !
मुद्दतों से वफ़ा को एक असरा मिला,
मैं ढल रहा हूँ मैं चल रहा हूँ !
सताए जा रहे हैं कोपलें इन पलों की गुस्ताखी में,
मैं मौसम की तरह बदल रहा हूँ मैं चल रहा हूँ !
आसमां पर धरती के रंग उकेर रखा है अहमद,
मैं मेहनत की स्याही में लहू भर रहा हूँ मैं चल रहा हूँ !
#2. Sad Poetry in Hindi
बहुत खुश हुए हम जब उन्होनें कहा कि
उन्होंने हमें पहले भी कहीं देखा है…
इस ख़ुश हुआ इस उम्मीद में कि जिस “मैं” को
मैं कब से तलाश रहा था… वो तलाश पूरी हुई…
जब उनसे पूछा कि कहाँ देखा था…
ज़रा याद तो कीजिए…
वो बहुत याद कर बोले… आपके ही मरे हुए
ख़ाबों के किसी कोनें में…!!
#3. Sad Poetry in Hindi
ना,,,,
ना मुझे मीठा पसंद है,
ना तुम चॉकलेट लाना,,
तुम बस दो पल मेरे पास बैठ जाना।
दो मेरी सुनना और दो अपनी सुनाना ,,
मैं नाराज़ जल्दी हो जाती हूँ
तुम सब्र से मुझे मनाना।।
हां,,, मुझे पाजै़ब बहुत पसंद है,
तुम अपने हाथों से मेरे पैरों में पहनाना
बस दो पल तुम मेरे पास बैठ जाना।।
मेरा मन करे मेरा हाथ तुम्हारे हाथ में रखने का तो,,
तुम अपना हाथ पीछे ना हटाना ,
बस दो पल तुम मेरे पास बैठ जाना।।
सुना है मैंने
तुम शायरी बहुत अच्छी करते हो,,,
बैठना जब तुम मेरे पास
तो अपनी शायरी
अपनी आवाज में सुनाना
बस दो पल तुम मेरे पास बैठ जाना।।
#4. Sad Poetry in Hindi
सुकूँ हैं मौत यहाँ ये अंजुमन पाई जाती है,
रूह की तस्कीन दिल में भी पाई जाती है !
दर्द-ऐ-मोहब्बत खुदा सब को बख्शें,
जैसे चाँद में बदली सी छाई जाती है !
तुझे इल्म हो तो सुकूँ-ऐ-गम दे,
मुझे तेरी याद सताई जाती है !
मंज़िल-ऐ-मोहब्बत करीब है लेकिन,
अक्सर मेरी आंखों में नींद पाई जाती है !
वही हंगामा है जैसे सागर का शीशा,
दिल की आवाज़ भी मध्यम होई जाती है !
#5. Sad Poetry in Hindi
सुनो लड़कों तुम कब तक मरोगे
हमारे झुमके, कंगन, काजल पर?
हमें भी तो मरना है
तुम्हारी मुड़ी आस्तीन, बिखरे बाल और
ख़्वाबों भरी आंखों पर।
तुम ही कब तक उलझ कर रह जाना चाहोगे
हमारी जुल्फों में?
हमें भी तो खत्म होने दो
तुम्हारे सिगरेट के आखिरी कश की तरह
तुम्हें सुकून देते हुए।
❤️😛
#6. Sad Poetry in Hindi
जो हुआ ही ना कभी हमारा
जाने क्यों उसके लिए ही ये दिल बेकार है,
तोड़ दिया जिसने ये दिल हमारा
जाने क्यों उसी से इतना प्यार है ,
यूँ तो हर शाम एक सी ही गुजर जाती है
मगर इन रातों का एक सवाल है ,
हैं आशिक उस चांद के ज़माने भर में
फिर क्यों उस चांद से इतना लगाव है।।।
#7. Sad Poetry in Hindi
हम मुस्कुराते रहते हैं ,
मेहंदी के रंगों में भी उसके नाम का पहला अक्षर
महकाना अच्छा लगता है.
हां एक सवाल भी आता है मन में
कि ऐसा पहले क्यों नहीं हुआ?
ख़ैर ..
मोहब्बत के भी अपने मौसम होते होंगे शायद
कभी कभी यही मौसम बहोत अच्छा लगने लगता है
तो कभी बहोत दर्द देने वाला हो जाता है!
#8. Sad Poetry in Hindi
ना पारिजात के फूल लाना,,
बस तुम आना..
…..और साथ लाना
अपनी हथेली की वो ऊष्मा
जो मेरे मन को पिघला देती है!!
अपनी आँखों में वो सुकून
जो मेरे मन को ठहराव देता है !!
और तुम्हारा साथ जीवन भर का
जो हमेशा मन को मेरे अपने अपनत्व से भिगो देता है !!
तुम्हारे सानिध्य के अलावा
और कुछ न लाना …🌱
#9. Sad Poetry in Hindi
एक कविता तुम्हारे लिए
पुश्तैनी सी हैं यादें, बदले नहीं जाते !
कसम तूम्हारी है, तुम्हें छोड़े नहीं जाते !
इन गुलों के रंग, बेरंग होते देखा है !
भरोसे के आड़ में,
क़त्ल वादों का होते देखा है !
ना-चीज़ को तरस बैठे हम,
जुबाँ के दर्द को सी के रखा है !
तुम आओगे एक दिन जरूर,
अपने हाथों से ये आस पकड़े रखा है !
दुख तो होगा बहुत अहमद को ऐ दोस्त,
हम भर-भर के आँख रो ही जाएंगे !
मेरी आहत को तुम तरसोगे,
और सुनो तुम हम बहुत दूर चले जाएंगे !
#10. Sad Poetry in Hindi
उसने हमसे पूछा,
इतनी रखी है मोहब्बत ज़माने में,
फ़िर भी तुम अकेले क्यों हो ?
हमनें भी मुस्कुरा के जवाब दे दिया..!
देख के हश्र इस ज़माने में मोहब्बत का,
अपनी पीठ थपथपा लेता हूँ !
अच्छा हुआ दूर ही रहें मोहब्बत से,
वरना यहां तो ज़िस्मों की चाहत को,
मोहब्बत का नाम दे दिया जाता है !
#11. Sad Poetry in Hindi
मत इतना खौफ़ भर ऐ ज़िन्दगी मुझमें…
कि ज़िन्दगी देखकर भी घबरा जाऊँ मैं…
इश्क़ करता था जो रौशनी से मैं वही हूँ…
अब अँधेरों से डरनें लगा है जो वही हूँ मैं…
करना क्या था… होता क्या रहा…
ग़लत किया सबकुछ जिसनें वही हूँ मैं…
अब न रही वो पहले वाली चमक सितारों में…
जिसनें हर रात जगकर ये समझा…वही हूँ मैं…
मैं क्या था मैं क्या हूँ क्या फर्क़ पड़ता था…
जिसे अब किसी बात से फर्क़ नहीं पड़ता…
हाँ वही हूँ मैं…!!
#12. Verry Sad Poetry in Hindi
उलझने हैं बहुत…
सुलझा लिया करता हूँ ,
फोटो खिंचवाते वक़्त मैं अक्सर…
मुस्कुरा लिया करता हूँ ,
क्यूँ नुमाइश करूँ मैं,
अपने माथे पर शिकन की,
मैं अक्सर मुस्कुरा के इन्हें..
मिटा दिया करता हूँ,
क्योंकि..
जब लड़ना है खुद को खुद ही से,
हार-जीत में इसलिए कोई फ़र्क नहीं रखता हूँ।
हारूं या जीतूं कोई रंज नहीं,
कभी खुद को जिता देता हूँ,
कभी खुद से जीत जाता हूँ…..!
ज़िंदगी तुम बहुत खूबसूरत हो,
इसलिए मैंने… तुम्हें,
सोचना बंद और….
जीना शुरू कर दिया है…
#13. Verry Sad Poetry in Hindi
ईश्क़ के बिन जो गुज़री जवानी नहीं,
उम्र बीती जो वापस वो आनी नहीं !
बेवफ़ा वो हुए मुड़ के देखा न फ़िर,
जिनको लगता था उल्फ़त ये फ़ानी नहीं !
लौट कर गाँव वापस न आता कोई,
माँ ने बोला मगर मैंने मानी नहीं !
जंग जीतोगे हर एक मोहब्बत से तुम,
इससे झूठी जहाँ में कहानी नहीं !
आँसू अहमद तेरे कीमती हैं बहुत,
कोई उनसे भी कह दे ये पानी नहीं !
#14. Verry Sad Poetry in Hindi
मंजिल ना पाने पर उदास खड़े हो,
अरे रास्ते मिले हैं हौसला दिखाओ तो सही !
ज़ख्मो पर मलहम लगाने बैठे हो,
अरे थोड़ी देर हवाओं से इलाज़ कराओ तो सही !
अंधेरी रात है चाँद पर भी अमावस है,
किसी रोज अंधेरों से हाथ मिलाओ तो सही !
पलकों पर सपने संजोए सोए हैं,
अरमानों को करने पूरा नींद जगाओ तो सही !
ख़ुद के दर्द से अहमद ख़ुदा को शिकायत करता है,
अरे आँख में आंसू ना हो ऐसा शख़्स दिखाओ तो सही !
#15. Verry Sad Poetry in Hindi
सुनो तुम वही ख्वाब हो
जो लोग ना तो नींद में देखते है
ना ही जगे होने पे ।
ना तो वो कभी पूरी होती है
ना ही उसका मोह छूटता है ।
वो कुछ नहीं होता सिवाय
एक पछतावे के ,
तुम भी मेरे लिए वहीं पछतावा बने
जिसके छल ने मुझे हर उस मोड़ पे छला
जो मोड़ प्रेम तक जाती थी ।