Rahat Indori Love Shayari | राहत इंदौरी लव शायरी हिंदी | Rahat Indori Love shayari in Hindi | राहत इंदौरी की मशहूर शायरी हिंदी में | Rahat Indori Famous Shayari in Hindi | राहत इंदौरी शायरी हिंदी 4 लाइन
Rahat Indori Love Shayari in Hindi
अजीब दौर है गुरबत की सर बुलंदी का ,
पडा़ई छोड़कर बच्चे कमाने लगते है,
और नए अमीर के घर भूल कर भी मत जाना ,
हर एक चीज़ की कीमत बताने लगते है ।
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गमों का शोक मनाकर क्या मुस्कुराते हम ,
जरा भी हार से डरते तो हार जाते हम ,
खुदा का शुक्र कि मौज़ो से दो दो हाथ किये,
किसी की आस में रहते तो डूब जाते हम
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तुझे छोडू तो मेरा वादा टूट जाता है,
तुझे अपनाऊँ तो मुझसे जमाना छूट जाता है,
मोहब्बत पड़ने लिखने में बहुत आसान है लेकिन ,
मोहब्बत को निभाने में पसीना छूट जाता है।
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इश्क़ में जीत के आने के लिए काफी हूं
मैं निहत्था ही जमाने के लिए काफी हूं
मेरी हर हकीकत को मेरी ख़ाक समझने वाले..
मैं तेरी नींद उड़ाने के लिए हीं काफी हूं.
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मेरे लहू से रौशन है शहर के सब चराग,
मुझपर भी तोहमते है वफादारियों के बाद ,
जिन्दा है किस तरह से ये मुनाफ़िक़ मिज़ाज़ लोग ,
वो भी हज़ार तरह की बीमारियों के बाद
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Rahat Indori Love Shayari in Hindi
दर्द भरी इन आंखों को,
बस इक तुम्हारा साथ चाहिए,,
अकेले इन तंग राहों में लड़खड़ा से जाते हैं पांव मेरे,,,
बस मेरे हाथों में तुम्हारा हाथ चाहिए!!
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वादा करते हैं दोस्ती निभाएँगे
कोशिश यही रहेगी तुझे ना सत्याएंगे
ज़रूरत पड़े तो दिल से पुकारना
मार भी रहे होंगे तो मोहलत लेकर आएँगे
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हाथ ख़ाली हैं तिरे शहर से जाते जाते
जान होती तो मिरी जान लुटाते जाते
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है
उम्र गुज़री है तिरे शहर में आते जाते..
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अंधेरे मे भी चिराग उलफत जलाए रखना
तुफानो मे भी ये शमा ना भूज़ने देना
खुदा ज़रूर मेहरबान होगा एक दिन देखना
उमीद के दामन मे खुद को जगाए रखना।
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ज़मीर बोलता है ऐतबार बोलता है
मेरी ज़ुबान से परवरदिगार बोलता है !
मैं मन की बात बहुत मन लगा के सुनता हूँ
ये तू नहीं है तेरा इश्तेहार बोलता है !!
कुछ और काम उसे याद ही नही शायद
मगर वो झूठ बहुत शानदार बोलता है !!!
तेरी ज़ुबान कतरना बहुत ज़रूरी है
तुझे ये मर्ज़ है तू बार बार बोलता है !!!!
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कौन कहता है दोस्त की तुमसे हमारा जुदाई होगी,
ये अफवाह जरूर किसी दुशमन ने उड़ाई होगी,
शान से रहने तुम्हारे दिल में हम,
इतनों दिनों में कुछ तो जगहा बनाई होगी।
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अजीब लोग हैं मेरी तलाश में मुझको,
वहाँ पर ढूंढ रहे हैं जहाँ नहीं हूँ मैं,
मैं आईनों से तो मायूस लौट आया था,
मगर किसी ने बताया बहुत हसीं हूँ मैं
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Rahat Indori Love Shayari in Hindi
शौहरत की बुलन्दी भी पल भर का तमाशा है
जिस डाल पर बैठे हो, वो टूट भी सकती है
मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला।
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कोई हमे भूल जाने की ज़िद में है,
कोई हमे आज़माने की ज़िद मैं है,
भूलने वाले भूले मुझे तो कोई गम नहीं,
क्योकी अपना कोई हमे पाने की ज़िद में है…
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उमर की राह मे रास्ते बदल जाते हैं
वक़्त की आँधी मे इंसान बदल जाते हैं
सोचते हैं आपको इतना याद ना करे
लेकिन आँख बंद करते ही इरादे बदल जाते हैं।
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तेरी याद में आँखे भिगो लू,
उदास रात की तन्हाई में सो लू,
अकेले गम का बोझ अब संभलता नहीं
तू मिल जाये तो तुझसे लिपट कर रो लू..
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आग केपास कभी मोम को लाकर देखूं ।
हो इज़ाज़त तो तुझे हाथ लगाकर देखूं ।
दिल कामंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है ।
सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगाकर देखूं ||
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जवानियों में जबानी को धूल करते हैं
जो लोग भूल नहीं करते भूल करते हैं
और अगर अनारकली है सवव बगावत का
सलीम हम तेरी शरतें कबूल करते हैं.
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मेरी रूह-ए-दिल से मोहब्बत करने का हक,
सिर्फ़ उस एक शख़्स को ही है ।
जिसके लिए ख़ुदा की पनाह में बैठ,
बोलूंगी क़बूल है, क़बूल है, क़बूल है ।
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कोई गीला कोई शिकवा ना रहे आप से
ये आरज़ो है इक सीलसला ब्ना रहे आपे से
बस इक बात की उमीद है आप से
दिल से डोर ना करना अगर डोर बी र्हैं आप से
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Rahat Indori Love Shayari in Hindi
“जो सच है वही घर का नसीब है लेकिन
जो खो गया है उसे भी मकान में रखना
वो एक ख़्वाब जो चेहरा कभी नहीं बनता
बना के चांद उसे आसमान में रखना
चमकते चांद सितारों का क्या भरोसा है
ज़मीं की धूल भी अपनी उड़ान में रखना..”
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दिल पे उनके अपनी जीत हो जाए
पूरी दिल की उमीद हो जाए
वो जो आ के एक बार गले से लग जाएँ
तो फिर हमारी ईद हो जाए?
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तुम ही सनम हो, तुम ही खुदा हो,
वफा भी तुम हो तुम, तुम ही जफा हो,
सितम करो तो मिसाल कर दो,
करम करो तो कमाल कर दो.
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यूं तो हम हिज़र में भी दीवार-ओ-दर को देखते हैं
कभी सबा को कभी नामाबर को देखते हैं
वो आये घर में हमारे खुदा की कुदरत है
कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं.
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बेवफा से वफ़ा की उमीद रखी थी
कांतो से खुसबू की उमीद रखी थी
मोहबत में दिल टूटने की उमीद रखी थी
खुदा से दो गाज़ ज़मीन की उमीद रखी थी
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मेरी ग़ज़ल से बना ज़ेहन में कोई तस्वीर
सबब न पूछ मेरे देवदास होने का
कहाँ, हो आओ मेरी भूली-बिसरी यादो आओ
ख़ुश-आमदीद है मौसम उदास होने का.
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दर्द होता नहीं दुनिया को दिखाने के लिए,
हर कोई रोता नहीं आँसू बहाने के लिए,
रुठने का मज़ा तो तब आता है,
जब कोई अपना होता है मनाने के लिए…
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हाथ ख़ाली हैं तेरे शहर से जाते जाते,
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते,
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है,
उम्र गुज़री है तेरे शहर में आते जाते।
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अब जो बाज़ार में रखे हो तो हैरत क्या है
जो भी देखेगा वो पूछेगा की कीमत क्या है
एक ही बर्थ पे दो साये सफर करते रहे
मैंने कल रात यह जाना है कि जन्नत क्या है.
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विश्वास बन के लोग ज़िन्दगी में आते है,
ख्वाब बन के आँखों में समा जाते है,
पहले यकीन दिलाते है की वो हमारे है,
फिर न जाने क्यों बदल जाते है.
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