Maa Shayari in Hindi : “माँ ” एक शब्द जिसमें सारा संसार व्याप्त है। संसार को चलाने वाली, बच्चों के लिए संसार से लड़ आने वाली, अपनी हर संतान को बराबर प्यार देने वाली, एक इन्सान की पहली गुरु।
माँ जो सारी उम्र अपने परिवार के लिए समर्पित कर देती है। लेकिन उसके मन में कभी कोई लालच नहीं आता। अगर कोई लालच होता है तो बस इतना की उसकी संताने हर खुशियों का आनंद लें। हम सब अपनी माँ को बहुत प्यार करते हैं और माँ के लिए दुआ करते हैं।
Maa Shayari in Hindi
समन्दर की स्याही बनाकर शुरू किया था लिखना,
खत्म हो गई स्याही मगर माँ की तारिफ बाकी है.
मैं मर भी जाऊं तो भी कोई गम नहीं
लेकिन कफ़न मिले तो दुपट्टा मेरी माँ का हो.
माँ ना होती तो वफ़ा कौन करेगा
ममता का हक़ भी कौन अदा करेगा.
इस लिए चल न सका कोई भी ख़ंजर मुझ पर
मेरी शह-रग पे मेरी माँ की दुआ रक्खी थी.
रब हर एक माँ को सलामत रखना वरना
हमारे लिए दुआ कौन करेगा
तेरी डिब्बे की वो दो रोटिया कही बिकती नहीं माँ,
महंगे होटलों में आज भी भूख मिटती नहीं.
खूबसूरती की इंतहा बेपनाह देखी…
जब मैंने मुस्कराती हुई माँ देखी.
जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ,
में खुदा से पहले मेरी माँ को जानता हूँ.
ख़ुद को इस भीड़ में तन्हा नहीं होने देंगे
माँ तुझे हम अभी बूढ़ा नहीं होने देंगे.
किसी का दिल तोडना आज तक नही आया मुझे
प्यार करना जो अपनी माँ से सीखा है मैंने.
Maa Shayari in Hindi
दवा असर ना करे तो नजर उतारती है ,
मां है जनाब कहां हार मानती है.
कदम जब चूम ले मंज़िल तो जज़्बा मुस्कुराता है
दुआ लेकर चलो माँ की तो रस्ता मुस्कुराता है.
उसकी डांट में भी प्यार नजर आता है ,
मां की याद में दुआ नजर आती है.
घुटनो से रेंगते-रेंगते जब पैरो पर खड़ा हो गया ,
मां तेरी ममता की छांव में जाने कब बड़ा हो गया.
मत कहिए की मेरे साथ हम रहती है माँ,
कहिए की माँ के साथ हम रहते है.
यूं ते मैने बुलन्दियो के हर निशान को छुआ,
जब मां ने गोद में उठाया तो आसमान को छुआ.
मां की कदर करो ,
जिसने तुम्हे 9 महिने पेट में 3 साल हाथो
में और जिन्दगी भर दिल में रखा.
मैं रात भर जन्नत की सैर करता रहा यारों सुबह
आँख खुली तो देखा मेरा सर माँ के कदमों में था.
आँख खोलू तो चेहरा मेरी माँ का हो
आँख बंद हो तो सपना मेरी माँ का हो.
ऊपर जिसका अंत नहीं उसे ‘आसमां’ कहते हैं
इस जहाँ में जिसका अंत नहीं उसे ‘माँ’ कहते हैं.
Heart Touching Maa Shayari
गिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारें हैं कितने
भला कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी.
मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ
माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ.
अब भी चलती है , जब आंधी कभी गम की ,
मां की ममता मुझे बाहों में छुपा लेती है.
बिना हुनर के भी वो चार ओलाद पाल लेती है,
कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी.
भीड़ में भी सीने से लगा के दूध पिला देती है ,
बच्चा अगर भूखा हो तो माँ शर्म को भूला देती है.
मां की दुआ जीवन को जन्नत बना देगी ,
खुद रो कर भी हमें हंसा देगी.
हालातों के आगे जब साथ न जुबां होती है ,
पहचान लेती है खामोशी में हर दर्द वो सिर्फ मां होती है.
चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है.
जिस के होने से मैं खुदको मुक्कम्मल मानता हूँ
मेरे रब के बाद मैं बस अपनी माँ को जानता हूँ.
मां की ममता , और मां का प्यार ,
जिसके पास उसके सर पर दुनिया हर तजो ताज.
Maa Shayari in Hindi
यूं ही नहीं गूंजती किल्कारीयां घर आँगन
के हर कोने में जान हथेली पर रखनी पड़ती है
‘माँ’ को ‘माँ’ होने में