Long Distance Relationship Shayari | लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप शायरी | प्यार में धोखा बेवफा शायरी स्टेटस | Long Distance Relationship Shayari in Hindi |
Long Distance Relationship Shayari
तलाशता है दिल एक कोना अपने ही लिए,
उसी दिल में जिसमे जगह नही है अब किसी के लिए।
किसी को गलत समझने से पहले एक बार,
उसके हालात समझने की कोशिश जरुर करों।
कुछ इस तरह से,साँसों का बंधन है तुमसे मेरा,
साँस लेते हो तुम वहाँ,तो जी लेते हैं हम यहाँ।
कभी तो आ कर तू झाँक मेरे दिल में भी,
बहुत कुछ दम तोड रहा है मुझमें तेरे बगैर।
यहां तो लोग अपनी गलती नहीं मानते,
फिर किसी को अपना कैसे मानेंगे।
हमे भी आते है अंदाज दिल तोडने के,
हर दिल मे खुदा बसता है ये सोच कर चूप हो जाते है।
तुम्हारी नफरत पर भी लुटा दी ज़िंदगी हमने,
सोचो अगर तुम मोहब्बत करते तो हम क्या करते।
पत्थरों को चाहने की गलती की है,
हमने ठोकर तो लगेगी ही।
जख्म कहां कहां से मिले है, छोड़ इन बातो को,
जिंदगी तु तो ये बता, सफर कितना बाकी है।
अपने वो नहीं जो तस्वीर में साथ दिखे,
अपने वो हैं जो तकलीफ में साथ दिखे।
महफ़िल में चल रही थी हमारे कत्ल की तैयारी,
हम पहुँचे तो बोलें बहुत लम्बी उम्र है तुम्हारी।
शीशा कमज़ोर बहुत होता है,
मगर सच दिखाने से घबराता नहीं है।
चुपचाप गुज़ार देगें तेरे बिना भी ये ज़िन्दगी,
लोगों को सिखा देगें, मोहब्बत ऐसे भी होती है।
इश्क़ है तो शिकायत न कीजिए,
और शिकवे हैं तो मोहब्बत न कीजिए।
नही रहता कोई शख़्स अधूरा किसी के भी बिना,
वक़्त गुज़र ही जाता है, कुछ खोकर भी कुछ पाकर भी।
हिसाब क्या दूँ मैं अपनी मोहब्बत का,
तुम अपनी हिचकियों को बस गिनते रहना।
कुछ इस तरह से मत तोडना ताल्लुक हमसे,
कि हम मुद्दतों तक ढूंढते रहें कसूर अपना।
एकांत में खोने वाले को कोई नहीं ढूँढता,
भीड़ में खोने वाले को सब ढूँढने लगते हैं।
नसीब अच्छे ना हो तो खूबसूरती का कोई फायदा नही,
दीलो के शहेनशाह अकसर फकीर होते है।
जब तक मन में खोट और दिल में पाप है,
तब तक सारे मंत्र और जाप बेकार है।
कोई लफ्ज़ नही फिरभी कलम उठाई है,
बस तुमको यही जताना था कि याद तुम्हारी आयी है।
कुछ यूँ भी सदियां सिमट जाती हैं उस पल में,
बैठे बैठे तेरी याद आ जाती है जिस पल में।
उसकी हँसी देख कर जीता था मैं ऐ दोस्तों,
उसने हँसना बन्द कर दिया और मैंने जीना।
ग़म तो जनाब फ़ुरसत का शौक़ है,
ख़ुशी में वक्त ही कहाँ मिलता है।
ज़्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र बढ़ने के साथ,
बस बचपन की ज़िद समझोतो में बदल जाती है।
हजारों मिठाइया चखी है ज़माने में,
ख़ुशी के आंसू से मीठा कुछ भी नहीं है।
जो हर वक़्त साथ रहे वो यार होता है,
जो हर वक़्त साथ निभाए वो प्यार होता है !!!
कोशिश इतनी है, कोई रूठे ना हमसे,
नज़र अंदाज करने वालों से नज़र हम भी नहीं मिलाते।
वो अल्फ़ाज़ ही क्या, जो समझानें पड़े,
हमने मुहब्बत की है कोई वकालत नहीं।
तमाम लोगों को अपनी अपनी मंजिल मिल चुकी,
कमबख्त हमारा दिल है, कि अब भी सफर में है।
अपनी नियत पर जरा गौर करके बताना,
मोहब्बत कितनी थी और मतलब कितने थे।
खामोशी को चुना है अब बाकी के सफर के लिए,
अब अल्फाजो को जाया करना हमे अच्छा नहीं लगता।
तुजसे दूर रहकर यहाँ रात तो होती है,
मगर वो तारे नहीं दीखते जो साथ दीखते थे !!!
फिक्र है सब को खुद को सही साबित करने की,
जैसे ये जिन्दगी, जिन्दगी नही, कोई इल्जाम है।
शिकायत नही करता मेरा दिल किसी से,
मोहब्बत्त भी थी तो बस दिल में ही रखी।
यादों का बंधन तोड़ना इतना आसान नहीं है दोस्त,
कुछ लोग दिलों में बस जाते हैं लहू की तरह।
माना थोड़ी देर लगती है मिलने में,
मगर ये दुनिया हमारा मिलना रोक नहीं सकती !!!
दोस्त हमदर्द होने चाहिए,
सिरदर्द बनने के लिए तो पूरी दुनिया ही तैयार बैठी है।
जख्म देना छोड दे ऐ जिंदगी,
अब तो मरहम की डिब्बी भी खाली हो गई है।
तकलीफों की सुरंग से जब ज़िन्दगी गुज़रती है,
तब जाकर कहीं शख्सियत निखरती है।
तेरी आँखों में एक शरारत सी हैं,
क्या लेना चाहते हो दिल य़ा जान।
हल्की हल्की सी सर्द हवा जरा जरा सा दर्द ए दिल,
अंदाज अच्छा है दिसंबर तेरे आने का।
जिन्दगी को ज़िन्दगी भर मनाते रहे हम,
मौत आई और एक पल में मना कर ले गई।
हमें कोई ना पहचान पाया करीब से,
कुछ अंधे थे कुछ अंधेरों में थे।
कितने मजबूर हैं हम प्यार के हाथों,
न तुझे पाने की औकात, न तुझे खोने का हौसला।
तन्हाई की सरहदें और भीगी पलके,
हम लुट जाते है रोज तुम्हें याद करके।
क़दमों में भी थकान थी घर भी क़रीब था,
पर क्या करें कि अब के सफ़र ही अजीब था।
नवम्बर की तरह हम भी अलविदा कह देगे एक दिन,
फिर ढुढते फिरोगे दिसंबर की ठंडी रातो में।
टूटे हुए दिल भी धड़कते है उम्र भर,
चाहे किसी की याद में या फिर किसी फ़रियाद में।
कैसे भुला दूँ उस भूलने वाले को मैं,
मौत इंसानों को आती है यादों को नहीं।
भरी बरसात में उड़ के दिखा ऐ माहिर परिंदे,
आसमान खुला हो तो तिनके भी सफर किया करते हैं !!
सोचा था घर बना कर बैठुंगा सुकून से,
पर घर की ज़रूरतों ने मुसाफ़िर बना डाला !!
रस्ते में जो मिलता है मिल लेते हैं,
अच्छे बुरे की अब पहचान नहीं करते।
आपकी दूरियां हमें सदा सताती है,
मगर साथ होने का भी अहसास जताती है !!!