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Ghazal Shayari in Hindi
तू मेरे मन मे समा जाए तो कोई बात बने
कभी मुझे अपने दिल की बात बता जाए कोई बात बने
तू मेरे मन मे..
यू बात बात पर रूठने की आदत तू छोड़ दे अब
कभी अब मैं रूठूँ और तू मनाये तो कोई बात बने
तू मेंरे मन मे..
बड़ा दिलकश अंदाज है तेरा किसी से मिलने का
कभी तू खुद को मुझसे मिलाये तो बात बने
तू मेरे मन मे..
सुना है कि तू करता है बाते बहुत मीठी मीठी
कुछ बाते जो अब मेरे संग गुनगुनाये तो बात बने
तू मेरे मन मे..
कटते नही है अब तुमसे दूर रहकर जुदाई वाले पल
आके अब मुझको अपना बना जाए तो कोई बात बने
तू मेरे मन मे……।।
रोमांटिक गजल शायरी हिन्दी
मोहब्बत है जो गुनाह तो ये गुनाह कर जाने दो
कैद कर लो अपने कैद खाने में और मर जाने दो
मोहब्बत है जो…..
जो मैं तुमसे बिछड़ा तो तड़प तड़प के मर जाऊंगा
खुशिया तुम बिन सब अधूरी है नही जी पाऊंगा
एक बार तो मुझको भी अपने इश्क़ को आजमाने दो
मोहब्बत है जो गुनाह तो….
तेरा दीदार हुवा है मुश्किल जैसे फूल हो गुलहड़ का
कुछ तो दर्द समझो ऐ राज इस काफिर दिल का
एक बार तो मुझको भी टूट कर के बिखर जाने दो
मोहब्बत है जो गुनाह तो…..
कुछ पल का ही सही मोहब्बत की रवानी दे दे
जी सकू चैन से कोयी तो ऐसी निसानी दे दे
दर्द अपना ही मुझे फिर से दर्द में पिरोने दो
मोहब्बत है जो एक गुनाह तो …..।।
Ghazal Shayari in Urdu
तेरी मीठी मीठी आवाजें सुनने को दिल तरसता है
क्यू नही हाले दिल मेरी ऐ राज तू समझता है
तेरी मीठी मीठी……
हर पल अब मन बेचैन सा रहने लगा है
किन वादियों में तू आजकल रहने लगा है
अब समझा हूँ कोई मोहब्बत में क्यू तड़पता है
तेरी मीठी मीठी……
होता नही है अब तो असर मुझपर महफ़िलो का
कोई नही समझता है हाल अब मेरे दिलो का
हर पल तुझको ही राज दिल मेरा याद करता है
तेरी मीठी मीठी……..
समझ ले कसक तू मेरी समझ ले मेरी बेचैनियां
रहा गर हाल ऐसा तो छोड़ जाऊंगा तेरी दुनिया
फिर कहते फिरोगे की मोहब्बत में कोई ऐसा करता है
तेरी मीठी मीठी…….।।
Ghazal Shayari in Hind
तुमसे बिछड़े हुए एक जमाना हो गया है
लगता है कि तू अब किसी और का दीवाना हो गया है
तुमसे बिछड़े हुए..
यादे तेरी अब भी हर पल मुझको सताती है
ये बात अलग है कि तुमसे मिले एक जमाना हो गया है
तुमसे बिछड़े हुए..
बड़ा ही सोख है तेरा संगमरमर सा बदन
जिसको छुए हुए मुझको जमाना हो गया है
तुमसे बिछड़े हुए..
बड़ा तंग था ये जमाना जब भी तू मेरे संग था
अब तो मुझको लड़खड़ाये हुए एक जमाना हो गया है
तुमसे बिछड़े हुए..
Ghazal Shayari in Urdu
ऐ राज तुमने तो अब कहर मचा दिया है
सनम से बेरुखी क्या हुई सारा शहर जला दिया है
तेरी नफरत में इतनी तपिश है ऐ राज
तुमने तो पत्थर को भी मोम बना दिया है
सनम से बेरुखी…..।
जी चाहता है तुमसे लिपटकर सब कुछ तुमपे लुटा दू
मगर अफशोस बहुत दूर तुमने आशिया बना लिया है
सनम से……।
कभी तो मुझे भी अपनी खिदमत का एक मौका दे दे
बदले में मेरा हर खुशी का लम्हा ले ले
मुझे भी तलाश है जिसने इश्क़ में सब कुछ लुटा दिया है
सनम से…।
Ghazal Shayari Hindi
देखकर तेरा संगमरमर सा बदन जो मैं,
बहक जाऊ तो बवाल मत करना।
उड़ने देना बेपरवाह अपनी जुल्फों को कौन,
घायल होगा इस बात पर सवाल मत करना।
माना कि बीमार है सारा शहर तेरे दीदारे हुस्न की,
सबको आज भी तेरी आरजू है।
अगर मैं भी मदहोश हो जाऊं जो तेरी सोख शरारत से,
तो इस बात का खयाल मत करना।
एक रोज बनाकर आईना तुमको खुद को,
तुझमे निहारने की सोचा है मैंने ।
उस आईने में जो मैं खुद भी समा जाऊ तो,
ऐ राज किसी बात का मलाल मत करना।
माना कि मेरी हसरतों के पर अब उड़ान में है तू,
आज भी इससे वाकिफ़ नही है ।
बदल गया है अब तो तुझसे रूबरू मिलने का मौसम,
गुजारिश है पिछले साल में मत रहना।।
जब से बिछड़ कर के मुझसे वो जीने लगा है
सुना है कि वो अब बहुत पीने लगा है.
Ghazal Shayari Hindi
देखा जाता नही है उसका यू बिखर जाना
बड़ी तकलीफ होती है उसकी यू खबर आना
माना कि जख्म गहरा उसके सीने लगा है.
जब से बिछड़ कर……….
बेवफा तो मैं भी न थी उलझी थी मजबूरियों में
खो दिया है अपने दिलवर को कुछ दूरियों में
कितना खुस था वो अब से पहले अब कैसे जीने लगा है.
जब से बिछड़ कर के……..
छलकता है अब तो उसकी आँखों मे नफरत का पैमाना
मुश्किल मेरा भी है राज बिछड़कर जी पाना
मुझ बेवफा के खातिर इस कदर वो मरने लगा है.
जब से बिछड़ कर मुझसे वो जीने लगा है।।
हमारी बहस जारी थी…
मैने कहा , मत करो बहस हार जाओगी
हुस्न इतनी बड़ी दलील नहीं
उसने एक दम हाथ बालों के पीछे किया
बेंड निकाला , अपने बाल खोले
सर नीचे किया और एक झटके से उठा दिया
उसकी ज़ुल्फ़ें हर तरफ़ फैल गई
उसने मेरी आँखों में झाँक कर पूछा..
हाँ , तुम कुछ कह रहे थे?
ये उन दिनों की बात हैं ..
♥️🤭
आहिस्ता बोलिए , कोई सुन लेगा
कुछ लोग दुखी हैं कि बाक़ी लोग ज़िन्दा हैं
घोड़े जो खड़ी फ़सलें रौंदते हुए निकल गए थे
फिर लौट रहे हैं
हवा धीरे-धीरे बिखेरती जा रही हैं
राख के ढेर में छिपी हुई आग
अफ़वाहों से बचिए
कुछ लोगों का ख़याल हैं
यह आबादी हिंस्र पशुओं में तब्दील होने वाली हैं
आप हँसे , आपका अधिकार हैं
मगर इस तेज़ बारिश में बाहर न निकलें
यह मेरी सलाह हैं ..
❤️❤️