Zindagi Dard Bhari Shayari in Hindi | ज़िन्दगी में दर्द भरी शायरी

By Shayari Mirchi

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दोस्तो आज हम आपके लिए प्यार में दर्द भरी शायरी लेकर आये है, आज हम आपको दुनिया की सबसे से ज्यादा Zindagi Dard Bhari Shayari बताने वाले है जो आपको बहुत पसंद आएगी।

अगर आपका भी दिल टूटा है या किसी ने तोड़ा है तो ये Zindagi Dard Bhari Shayari आपके लिए बहुत ही लाभकारी साबित होगा !

Zindagi Dard Bhari Shayari

आप से दूर हो कर हम जायेंगे कहा,
आप जैसा दोस्त हम पाएंगे कहा,
दिल को कैसे भी संभाल लेंगे,
पर आँखों के आंसू हम छुपायेंगे कहा

चाहत वो नहीं जो जान देती है,
चाहत वो नहीं जो मुस्कान देती है,
ऐ दोस्त चाहत तो वो है,
जो पानी में गिरा आंसू पहचान लेती हैं.

भुला कर हमें क्या वो खुश रह पाएंगे,
साथ में नही तो मेरे जाने के बाद मुस्कुरायेंगे,
दुआ है खुदा से की उन्हें कभी दर्द न देना,
हम तो सह गए पर वो टूट जायेंगे।

 

तुम बिन ज़िंदगी सूनी सी लगती है,
हर पल अधूरी सी लगती है,
अब तो इन साँसों को अपनी साँसों से जोड़ दे,
क्योंकि अब यह ज़िंदगी कुछ पल की मेहमान
सी लगती है।

इश्क़ सभी को जीना सिखा देता है,
वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है,
इश्क़ नहीं किया तो करके देखो,
ज़ालिम हर दर्द सहना सीखा देता है!

 

वफ़ा और मोहब्बतों के ज़माने गये जनाब,
अब तो दिल को बहलाने का सामान है मोहब्बत

 

दर्द से दोस्ती हो गई यारों,
जिंदगी बे दर्द हो गई यारों,
क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा,
दूर तक रोशनी तो हो गई यारो।

 

Dard Bhari Shayari in Hindi Text

बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,
आप खुश रहें, मेरा क्या है..
मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है।

 

बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,
आप खुश रहें, मेरा क्या है..
मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है।

 

रह न पाओगे भुला कर देख लो,
यकीं न आये तो आजमा कर देख लो,
हर जगह महसूस होगी मेरी कमी,
अपनी महफ़िल को कितना भी सजा कर देख लो।

 

मेरा कत्ल करने की उसकी साजीश तो देखो….
करीब से गुज़री तो चेहरे से पर्दा हटा लिया

वो चाँदनी का बदन खुशबुओं का साया है,
बहुत अजीज़ हमें है मगर पराया है,
उसे किसी की मोहब्बत का ऐतबार नहीं,
उसे ज़माने ने शायद बहुत सताया है।

 

अब क्यूँ तकलीफ होती है तुम्हें इस बेरुखी से,
तुम्हीं ने तो सिखाया है कि दिल कैसे जलाते हैं !!

 

Dard Bhari Shayari in Hindi

काँच का तोहफा ना देना कभी,
रूठ कर लोग तोड दिया करते हैं,
जो बहुत अच्छे हो उनसे प्यार मत करना,
अकसर अच्छे लोग ही दिल तोड दिया करते है।

 

वाकिफ है हम इस दुनिया के रिवाज़ो से जब,
दिल भर जाता है तो हर कोई भुला देता है।

 

दर्द का एहसास जानना है तो प्यार करके देखो,
अपनी आँखों में किसी को उतार कर देखो,
चोट उनको लगेगी आँसू तुम्हें आ जायेंगे,
ये एहसास जानना हो तो दिल हार कर देखो।

 

बिछड़ के हम से फिर किसी के भी न हो सकोगे,
तुम मिलोगे सब से मगर हमारी ही तलाश में !!

 

बर्बाद कर गए वो ज़िंदगी प्यार के नाम से,
बेवफाई ही मिली हमें सिर्फ वफ़ा के नाम से,
ज़ख़्म ही ज़ख़्म दिए उस ने दवा के नाम से,
आसमान रो पड़ा मेरी मोहब्बत के अंजाम से।

 

जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं,
क्या समझते हो उसे कोई गम नहीं,
तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ,
गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं|

 

बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,
आप खुश रहें.. मेरा क्या है..
मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है!

 

तुम्हारी याद के साए मेरे दिल के अँधेरे में,
बहुत तकलीफ देते हैं मुझे जीने नहीं देते,
अकेली राह में हमराह कोई मिल तो जाता है,
मगर कुछ दर्द हैं जो दिल बहलने नहीं देते !

 

उसने दर्द इतना दिया कि सहा ना गया,
उसकी आदत सी थी इसलिए रहा न गया,
आज भी रोती हूं उसे दूर देख के,
लेकिन दर्द देने वाले से यह कहा ना गया.

 

न जाने क्यों हमें आँसू बहाना नहीं आता,
न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल बताना नहीं आता,
क्यों सब दोस्त बिछड़ गए हमसे,
शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता.

 

Dard Bhari Shayari in Hindi

 

उसके चेहरे पर इस क़दर नूर था,
कि उसकी याद में रोना भी मंज़ूर था,
बेवफा भी नहीं कह सकते उसको ज़ालिम,
प्यार तो हमने किया है वो तो बेक़सूर था

 

हर एक हसीन चेहरे में गुमान उसका था,
बसा न कोई दिल में ये मकान उसका था,
तमाम दर्द मिट गए मेरे दिल से लेकिन,
जो न मिट सका वो एक नाम उसका था !!

 

दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता,
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में,
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता !!

 

नफरतें लाख मिलीं पर मोहब्बत न मिली,
ज़िन्दगी बीत गयी मगर राहत न मिली,
तेरी महफ़िल में हर एक को हँसता देखा,
एक मैं था जिसे हँसने की इजाज़त न मिली.

 

हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम;
हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम;
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला;
ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम.

Shayari Mirchi

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