Dard Bhari Bewafa Shayari in Hindi | दर्द भरी शायरी इन हिंदी | Dard Bhari Bewafa Shayari 2 Line | प्यार में धोखा बेवफा शायरी | Sad Dard Bhari Bewafa Shayari | दर्द भरी शायरी लिखी हुई |

Dard Bhari Bewafa Shayari in Hindi

Dard Bhari Bewafa Shayari in Hindi

फिक्र है सब को खुद को सही साबित करने की,​
​जैसे ये जिन्दगी, जिन्दगी नही, कोई इल्जाम है।

 

शिकायत नही करता मेरा दिल किसी से,
मोहब्बत्त भी थी तो बस दिल में ही रखी।

 

यादों का बंधन तोड़ना इतना आसान नहीं है दोस्त,
कुछ लोग दिलों में बस जाते हैं लहू की तरह।

 

दोस्त हमदर्द होने चाहिए,
सिरदर्द बनने के लिए तो पूरी दुनिया ही तैयार बैठी है।

 

जख्म देना छोड दे ऐ जिंदगी,​
​अब तो मरहम की डिब्बी भी खाली हो गई है।

 

तकलीफों की सुरंग से जब ज़िन्दगी गुज़रती है,
तब जाकर कहीं शख्सियत निखरती है।

 

तेरी आँखों में एक शरारत सी हैं,
​क्या लेना चाहते हो दिल य़ा जान।

 

एक मैं हूँ कि समझा नहीँ​ ​खुद को आज तक​,
​एक दुनिया है कि न जाने मुझे​ ​क्या-क्या समझ लेती है।

 

जिन्दगी को ज़िन्दगी भर मनाते रहे हम,
​मौत आई और एक पल में मना कर ले गई।

 

कितने मजबूर हैं हम प्यार के हाथों,
न तुझे पाने की औकात, न तुझे खोने का हौसला।

 

Dard Bhari Bewafa Shayari in Hindi

तन्हाई की सरहदें और भीगी पलके,
हम लुट जाते है रोज तुम्हें याद करके।

 

सौ घूँट पिया शराब का इल्ज़ाम न कोई हुआ,
एक प्याला छलका इश्क़ का, बदनाम हो गया।

 

हमें कोई ना पहचान पाया करीब से,​
​कुछ अंधे थे कुछ अंधेरों में थे।

 

ज़िंदगी की कसौटी से हर रिश्ता गुज़र गया,
कुछ निकले खरे सोने से, कुछ का पानी उतर गया।

 

ज़रूरी तो नहीं, हर अहसास बयाँ करूँ,
समझते हो ना, तो समझ जाओ बस।

 

बहुत शौक था मुझे सबको जोडकर रखने का,​
​होश तब आया जब खुद के वजूद के टुकडे हो गये।

 

मुल्क, मोहब्बत, हौसला और झंडा थामे रहिये,
आँधियों का क्या है वो तो आती-जाती रहेंगी।

 

दोस्तो से टूट कर रहोगे तो कुत्ते भी सतायेंगे,
और दोस्तो से जुड़ कर रहोगे तो शेर भी घबरायेंगे।

 

प्यार तो सिर्फ प्यार है​ क्या पुरा क्या आधा,
​दोनों की ही चाहत बेमिसाल​ ​क्या मीरा क्या राधा।

 

नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखो में,
काश कि हमने तुझे इतने गौर से ना देखा होता।

 

हमनें कब माँगा है तुमसे अपनी वफ़ाओ का सिला,
बस दर्द देते रहा करों मुहब्बत बढती जाऐगी।

 

Dard Bhari Bewafa Shayari in Hindi

कुछ धुआँ भी है, थोड़ा शोर भी है,
सिर्फ इश्क़ ही क्यों, नशें और भीं हैं।

 

हँसकर कबूल क्या कर लीं सजाएँ मैंने,
​ज़माने ने दस्तूर ही बना लिया हर इलज़ाम मुझ पर लगाने का।

 

मत हटाया करो लटो को गालों से यूँ,
सीधा सा दिल मेरा बेईमान होने लगता हैं।

 

तलब ऐसी कि सांसों में समा लूं तुझे,
किस्मत ऐसी कि देखने को मोहताज हूं तुझे।

 

खामोशीया कर दे बया तो अलग बात हे,
कुछ ददँ अेसे हे झो लफजो मे उतारे नही जाते।

 

वहाँ तक तो साथ चलो, जहाँ तक साथ मुमकिन है,
जहाँ हालात बदल जाएँ, वहाँ तुम भी बदल जाना।

 

यूं ही ख़्यालों में चले आया करो,
ना पकड़े जाने का खतरा, ना जाने की जल्दी।

 

ये ज़माना जल जायेगा किसी शोले की तरह,
जब मेरे हाथ की उँगली में तेरे नाम की अँगूठी होगी।

 

बड़ी ही खूबसूरत शाम थी वो तेरे साथ की,
अब तक खुशबू नहीं गई मेरी कलाई से तेरे हाथ की।

 

कोई कुछ कहता नही मुझसे आज कल,
​लगता है इश्क़ के मारे हम बेकार हो गए हैं।

 

रब करे मेरी यादों में तुम कुछ यूँ उलझ जाओ,
मैं तुमको यहाँ सोचूँ और तुम वहाँ समझ जाओ।

 

हम भी दरिया है, हमे अपना हुनर मालूम हे,
जिस तरफ भी चल पडेंगे, रास्ता हो जायेगा।

 

मैं खुद हैरान हूं की तुझसे इतनी मोहब्बत क्यूं है मुझे,
जब भी प्यार शब्द आता है चेहरा तेरा ही याद आता है।

 

तेरे दिल का मेरे दिल से, रिश्ता अजीब है,​
​मीलों की दूरियां, और धड़कन करीब है।

 

परायों को अपना बनाना उतना मुश्किल नहीं,​
​जितना अपनों को अपना बनाए रखना।

 

हर नज़र में मुमकिन नहीं है,बेगुनाह रहना,
कोशिश करता हूँ कि ख़ुद की नज़र में बेदाग रहूँ।

 

हिचकियाँ कहती हैं कि तुम याद करते हो,
पर बात नहीं करोगे तो एहसास कैसे होगा।

 

पसंद आ गए है कुछ लोगों को हम,
कुछ लोगों को ये बात पसंद नहीं आयी।

 

लफ्जों से इतना आशिकाना ठीक नहीं है ज़नाब,
किसी के दिल के पार हुए तो इल्जाम क़त्ल का लगेगा।

 

नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखो में,
काश कि हमने तुझे इतने गौर से ना देखा होता।

 

सोचते थे मिलेगा सुकून ऐ दिल उनसे मिलकर,
पर दर्द और बढ़ जाता है उन्हें देखने के बाद।

 

रास्ता सोचते रहने से, किधर बनता है,
सर में सौदा हो तो, दीवार में दर बनता है।

 

मैनें उन तमाम लोगों से रिश्ता तोड़ दिया​,
​जो तुम्हें भूलने की सलाह दे रहे थे।

 

फितरत किसी की​ ​ना आजमाया कर ऐ जिंदगी​,
​हर शख्स अपनी हद में​ ​बेहद लाजवाब होता है।

 

बहुत ही शरारती हैं ये तेरी आवारा जुल्फें,
हवा का बहाना बनाकर तेरे गालो को चूम लेती हैं।

 

कौन कहता है वक्त बहुत तेज है,
कभी किसी का इंतजार करके देखो।

 

ख़्वाब ज़िन्दगी के कुछ अधूरे भी होना चाहिए,
उदास दिल और तन्हा शामों का मज़ा ही कुछ और है।

 

रिश्ता ये हमारा दर्द का नहीं, मुहब्बत का है,
और मुहब्बत का दूसरा नाम दर्द भी तो है।

 

इश्क़ पाने की तमन्ना में कभी कभी,
ज़िंदगी खिलौना बनकर रह जाती है।

 

ना आँखो मे ख्वाब है ना दिल मे तमन्ना कोई,
अपनी बनाई हुई राहो से ही अनजान हूँ।

 

लफ़्ज़ों की कमी हो गई है पास हमारे,
वरना काबिले तारीफ तो बहोत कुछ है आप में।

 

पांवों के लड़खड़ाने पे तो सबकी है नज़र,
​सर पर है कितना बोझ कोई देखता नहीं।

 

तुम्हारे बाद खुदा जाने क्या हुआ दिल को,
किसी से रिश्ता बनाने का हौंसला ही ना हुआ।

 

न मंज़िलों को न हम रहगुज़र को देखते हैं,
अजब सफ़र है कि बस हम-सफ़र को देखते हैं।

 

कितना महफूज था गुलाब काँटों की गोद में,
लोगों की मोहब्बत में पत्ता पत्ता बिखर गया।

 

रिवाज़ों से तो रिश्ते चलते होंगे,
मुहब्बत तो बस मुहब्बत से चलती हैं।

 

हर वक़्त मिलती रहती है मुझे अनजानी सी सजा,
मैं तक़दीर से कैसे पूंछू की मेरा कुसूर क्या है।

 

जाने क्या असर कर गयीं तेरी बातें,
वर्ना इस तरह कभी याद किसी की आयी न थी।

 

मोहब्बत अब नहीं रही जमाने में,
अब लोग इश़्क नहीं मज़ाक किया करते हैं।

 

दिल को वीरान हुए एक ज़माना गुज़रा,
इस हवेली में कोई अब नहीं आता जाता।

 

मेरी शायरी के तरकश में इतने अल्फाज कहा,
​जितनी आपके चेहरे पर अदायें हैं।

 

आ लिख दूँ तेरी हथेली पर वो लफ्ज​,
​जिसे कहने को मैं और सुनने को तू बेकरार है।

 

अब उस चिठ्ठी की तरह, सफ़र में है ज़िन्दगी,
जिसे बगैर पता लिखे, रवाना कर दिया गया है।

 

एक हम हैं जो इश्क़ कि बारिश करते है,
एक वह हैं जो भीगने को तैयार ही नहीं।