Hello दोस्तों, स्वागत है एक बार फिर हमारी वेबसाइट पर आज आपके लिए बढ़िया से बढ़िया Bhaigiri Shayari ढूंढ कर लेके आया हूँ। Bhaigiri Shayari in Hindi को आप आसानी से copy करके अपने Social Media पर लगा सकते है।
Bhaigiri Shayari किसी को उसकी औकात दिखाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसमें आप अपने दोस्तों को tag कर सकते है तो चलिए शुरू करते है।
भाईगिरी स्टेटस इन हिंदी
आज की Latest Bhaigiri Shayari और आप हमे comment करके यह जरूर बताये की यह Bhaigiri Shayari आपको कैसी लगी अगर आप कोई और Shayari बी पढ़ना चाहते है। तो हमे Comment करके वो बी बता सकते है हम वो बी आपके लिए लेकर आएंगे।
Bhaigiri Shayari in Hindi
मत कोशिश करो मुझ जैसा बनने की,
क्यूंकि शेर पैदा होते है बनाए नहीं जाते |
जुबान कडवी सही,nपर दिल साफ रखता हूँ,
कौन कब बदल गया सब का हिसाब रखता हूँ |
रूठा हुआ है मुझसे इस बात पर जमाना,
की शामिल नहीं है फितरत में मेरी सर झुकाना |
प्यार से बात करोगे तो प्यार ही पाओगे अगर,
अकड़ के बात की तो मेरी,block list में नजर आओगे |
लोगो ने हमें सिर्फ कामके लिए इस्तेमाल किया
क्यूंकि उनका काम था, और हमारा नाम था|
मेरी सादगी नहीं ,
मेरी बदमाशी ही, मेरी पहचान हैं ,
वरना मेरे नाम के तो हजारों इंसान है |
दुश्मन हमेशा दमदार लोगो के होते है,
कमजोरो से तो लोग हमदर्दी रखते है |
बचपन से शौक था अच्छा इंसान बनने ka,
बचपन खतम…..शौक ख़तम…….|
डूब जाए आसानी से मै वो कश्ती नहीं ,
मिटा सको तुम मुझे ,ये बात तुम्हारे बस की नहीं |
लौट कर आया हूं, हिसाब करके जाऊंगा,
हर एक को उनकी औकात दिखा कर जाऊंगा
मैं बहता पानी हूँ, लोग मेरा रास्ता बदल सकते हैं,
मेरी मंज़िल नहीं |
आदत हमारी खराब नहीं,
बस जिंदगी थोड़ी रॉयल जीते है |
ख्वाब टूटे है मगर हौंसले जिन्दा है,
हम तो वो है जिन्हें देख के मुश्किलें भी शर्मिंदा है |
style ऐसा करो की दुनिया देखती जाये,
और यारी ऐसी करो की दुनिया जलती जाये |
आवाज़ की बात मत कर मेरे सामने,
लोग हमारे ख़ामोशी से ही डर जाते है |
दहशत गोली से नही दिमाग से होती है,
और दिमाग तो हमारा बचपन से ही खराब है |
इधर बात ना बने तो उधर Try मारते है,
हम Kamine है janeman हार कहाँ मानते है |
कुछ सही तो कुछ खराब कहते है,
लोग हमे बिगड़ा हुआ नवाब कहते है |
लड़की पटाना और दुश्मनों को धूल चटाना,
अब तो आदत हो गयी है हमारी |
जानता हूँ मै कहाँ तक है उड़ान इनकी,
आखिर मेरे ही हाथ से निकले परिंदे है ये |
खेल ताश का हो या जिंदगी का,
अपना इक्का तब ही दिखाना,
जब सामने बादशाह हो |
अकेला आया थाअकेला ही जाऊंगा,
हाँ हारा हूँ पर,
एक ना एक दिन जीत के दिखाऊंगा…|
हम आज भी अपने हुनर में दम रखते है,
होश उड़ जाते है लोगो के,
जब हम कदम रखते है |
किसी के पैरो में गिरकर
कामयाबी पाने के बदले,
अपने पैरो पर चलकर कुछ बनने की ठान लो |
माशूका नहीं हूँ जो बेफवाई करूँगा,
तेज़ तलवार हूँ, सिर्फ तबाही करूँगा |
जहाँ से तेरी बदमाशी ख़तम होती हैं,
वहा से मेरी नवाबी शुरू होती हैं |
मत करो मेरी पीठ के पीछे बात जाकर कोने में
वरना जिंदगी बीत जाएगी,बस रोने में|
नफरत करके क्यों किसी की एहमियत बढ़ानी,
माफ़ करके उसको शर्मिंदा कर देना भी बुरा नहीं|
हम में अकड़ है गुरुर है , फिर भी रहमत
देखो रब की हमे चाहने के लिए सब मजबूर है|
हमारी अफवाह के धुंए वहीं से उठते है ,
जहाँ हमारे नाम से आग लग जाती है |
शरीफ बनने का जमाना नहीं रह गया ,
किसी को इज्जत दो तो वो आपको कमजोर समझता है |