ये शायरी बेवफाई के दर्द को बयां करती हैं। ये शायरी उन लोगों के लिए हैं जो बेवफाई का शिकार हुए हैं। इन शायरी में बेवफाई के कारण होने वाले दर्द, दुख, और गुस्से को व्यक्त किया गया है।

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Bewafa Dard Bhari Shayari in Hindi

Bewafa Dard Bhari Shayari in Hindi

सौ घूँट पिया शराब का इल्ज़ाम न कोई हुआ, एक प्याला छलका इश्क़ का, बदनाम हो गया।

ज़िंदगी की कसौटी से हर रिश्ता गुज़र गया, कुछ निकले खरे सोने से, कुछ का पानी उतर गया।

ज़रूरी तो नहीं, हर अहसास बयाँ करूँ, समझते हो ना, तो समझ जाओ बस।

बहुत शौक था मुझे सबको जोडकर रखने का,​ ​होश तब आया जब खुद के वजूद के टुकडे हो गये।

मुल्क, मोहब्बत, हौसला और झंडा थामे रहिये, आँधियों का क्या है वो तो आती-जाती रहेंगी।

ऐ दिल तू क्यों रोता है किसी बेवफा की याद पर, बना लिया है उसने अपना आशियाना तेरे ही टुकड़ों पर।

प्यार तो सिर्फ प्यार है​ क्या पुरा क्या आधा, ​दोनों की ही चाहत बेमिसाल​ ​क्या मीरा क्या राधा।

नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखो में, काश कि हमने तुझे इतने गौर से ना देखा होता।

बहुत अजीब होते हैं ये प्यार करने वाले, इनसे बेवफाई करो तो रोते हैं वफा करो तो रुलाते हैं ।

हमनें कब माँगा है तुमसे अपनी वफ़ाओ का सिला, बस दर्द देते रहा करों मुहब्बत बढती जाऐगी।

Bewafa Dard Bhari Shayari Photo

मत हटाया करो लटो को गालों से यूँ, सीधा सा दिल मेरा बेईमान होने लगता हैं।

तलब ऐसी कि सांसों में समा लूं तुझे, किस्मत ऐसी कि देखने को मोहताज हूं तुझे।

खामोशीया कर दे बया तो अलग बात हे, कुछ ददँ अेसे हे झो लफजो मे उतारे नही जाते।

वहाँ तक तो साथ चलो, जहाँ तक साथ मुमकिन है, जहाँ हालात बदल जाएँ, वहाँ तुम भी बदल जाना।

यूं ही ख़्यालों में चले आया करो, ना पकड़े जाने का खतरा, ना जाने की जल्दी।

ये ज़माना जल जायेगा किसी शोले की तरह, जब मेरे हाथ की उँगली में तेरे नाम की अँगूठी होगी।

बड़ी ही खूबसूरत शाम थी वो तेरे साथ की, अब तक खुशबू नहीं गई मेरी कलाई से तेरे हाथ की।

कोई कुछ कहता नही मुझसे आज कल, ​लगता है इश्क़ के मारे हम बेकार हो गए हैं।

रब करे मेरी यादों में तुम कुछ यूँ उलझ जाओ, मैं तुमको यहाँ सोचूँ और तुम वहाँ समझ जाओ।

बेवफाई की हद जानते हो दोस्तों, वह हमसे किसी और के लिए प्यार करना सीखती रही।

Bewafa Dard Bhari Shayari Images

दुनियाँ भर के कलाकार शर्मिंदा हैं, तुझसे बेहतर अदाकारी किसी ने ना निभाई ।

तेरे दिल का मेरे दिल से, रिश्ता अजीब है,​ ​मीलों की दूरियां, और धड़कन करीब है।

परायों को अपना बनाना उतना मुश्किल नहीं,​ ​जितना अपनों को अपना बनाए रखना।

हर नज़र में मुमकिन नहीं है,बेगुनाह रहना, कोशिश करता हूँ कि ख़ुद की नज़र में बेदाग रहूँ।

हमारी सेहत भी न जान सके हमे लाचार देखकर, और उन्हें हम कुछ नहीं बता सके खुश देखकर ।

लफ्जों से इतना आशिकाना ठीक नहीं है ज़नाब, किसी के दिल के पार हुए तो इल्जाम क़त्ल का लगेगा।

पसंद आ गए है कुछ लोगों को हम, कुछ लोगों को ये बात पसंद नहीं आयी।

नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखो में, काश कि हमने तुझे इतने गौर से ना देखा होता।

सोचते थे मिलेगा सुकून ऐ दिल उनसे मिलकर, पर दर्द और बढ़ जाता है उन्हें देखने के बाद।

रास्ता सोचते रहने से, किधर बनता है, सर में सौदा हो तो, दीवार में दर बनता है।

बेवफा दर्द भरी शायरी

जिस्म की दरारों से रूह तक नज़र आने लगी है, बहुत अंदर तक तोड़ गया है कोई शख़्स मुझे।

इतनी उदास न हो ऐ जिन्दगी, खोते वही हैं, जो कुछ पाने की तमन्ना रखते हैं।

फैसला उसने लिखा कलम मैंने तोड़ दी, आज हमारे प्यार को फांसी हो गई।

तेरी मोहोब्बत भी एक अजीब हादसा थी, मैं बच भी गया हूँ और ज़िंदा भी नहीं हूँ।

ख़्वाहिश थी कि वो मुझे याद करे मेरी तरह, ख़्वाहिश थी ख़्वाहिश ही रहीं।

इश्क किया या ख़ता ख़ुदा जाने, तुम्हारे पास वक्त नहीं हमारे पास तुम नहीं।।

थोड़ी मोहब्बत तो उसे भी हुई होगी मुझसे, इतना वक्त सिर्फ दिल तोड़ने के लिए कौन बर्बाद करता है।

तुम्हे ना देख कर कब तक सबर करूँ, आँखें तो बँद कर लूँ पर इस दिल का क्या करूँ।

ये बुजदिलों की तरह आधा अधूरा इश्क़ हमसे नहीं होता, हम जब भी करेंगे मोहब्बत बेइन्तहां ही होगी।

कसूर तो बहुत किये थे ज़िन्दगी में, ​पर सज़ा वहाँ मिली जहाँ बेकुसूर थे हम।

बेवफा शायरी दिल टूटने वाली

रहने दो मुझे इन अंधेरों में ही कमबख्त,​ ​रौशनी में अपनों के असली चहरे सामने आ जाते है।

मेरी ख्वाहिश ये थी की सहरा समंदर से जा मिले, होठों पे होठ रखकर उसने आमीन कह दिया।

मिज़ाज-ए-मौसम गुलजार कर गये, ​उफ्फ वो मुस्कुराकर कर्ज़दार कर गये।

हमने तुम्हें उस दिन से और ज़्यादा चाहा है, जबसे मालूम हुआ के तुम हमारे होना नहीं चाहते।

ये तुम्हारी ही सजा की इन्तहा थी, तुम थे मेरे सामने और खामोशी बेइन्तहा थी।

मेरी चाहतो की शाम उस दिन हसीन हो जाए, ​जब मैं तुम्हे माँगू और हर तरफ आमीन-आमीन हो जाए।

तौबा तुम्हारी ये गुस्ताख़ यादें, उतर आती है, बिना दस्तक दिल में।

मेरी चाहतो की शाम उस दिन हसीन हो जाए, जब मैं दीदार-ए-यार माँगू और हर तरफ आमीन हो जाए।

रुठने का हक़ तो अपने ही देते हैं, परायों के सामने तो मुस्कुराना ही पड़ता हैं।

बुराई तो बिना हुनर के किसी की भी कर सकते हैं, तारीफ किसी की करने के लिए जिगर चाहिये।

अक्सर वही दिए हाथों को जला देते हैं, जिन्हें हम हवा से बचा रहे होते हैं।

आशिक था जो मेरे अन्दर वो कई साल पहले मर गया, अब तो एक शायर है जो बहकी बहकी बाते करता है।

जो अन्दर से मर जाया करते हैं ना, ​वही औरो को जीना सिखाते हैं।

गुजारिशे थक ना जायें मिन्नतें करते करते, कभी तोधडक़न की तरह सीने में छुपा लो मुझें।

जिनका मिलना नहीं होता किस्मत में, उनकी यादें कसम से कमाल की होती हैं।

कई चेहरे आये इस दिल को सजाने के लिये लेकिन दिल जिद मे अडा था, वो नही तो कोई नही

जो निभा दे साथ जितना, उस साथ का शुक्रिया, छोड़ दे जो बीच मे, उस हाथ का भी शुक्रिया।

हवाओ मे आज फिर, उसकी महक आई वो नही आया, बस उसके आने की खबर आई

कुछ तुमको भी अज़ीज़ है अपने सभी उसूल, कुछ हम भी इत्तेफ़ाक से जिद्द के मरीज है।

दोस्ती रूह में उतरा हुआ मौसम है जनाब,​ ​ताल्लुक कम करने से दोस्ती कम नहीं होती।

भूल गए हैं कुछ लोग हमे इस तरह, ​यकीन मानो, यकीन ही नहीं आता।

तुझे याद करने की तो सैकड़ों बाते हैं मेरे पास, काश भूलने की भी कोई एक बात बता देता।

आराम से तनहा कट रही थी तो अच्छी थी,​ ​जिंदगी तू कहाँ दिल की बातों में आ गयी।

इक वीराना मेरे अंदर है, आबाद नहीं होता, दिल ख़ुश तो बहुत होता है, शाद नहीं हता।

हम ने रोती हुई आँखों को हसाया है सदा इस से बेहतर इबादत तो नहीं होगी हमसे।

हमने सोचा कि दो चार दिन की बात होगी, लेकिन तेरे गम से तो उम्र भर का रिस्ता निकल आया ।

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