Baat Nahi Karne Ki Shayari | बात नहीं करने की शायरी | Baat Nahi Karne Ki Shayari in Hindi | बात नहीं करने की शायरी इन हिंदी | बात नहीं करने की शायरी इन इंग्लिश |
Baat Nahi Karne Ki Shayari
दिल और भाग्य की आपस में कभी बनती नहीं क्यूंकि
जो दिल में होता है वो कभी भाग्य में होता ही नहीं.
आदत मेरी भूतो से डरने की डाल कर,
एक इंसान मेरी ज़िन्दगी को अँधेरा कर गया।
मजबूर नहीं करेंगे तुम्हें बात करने के लिए
चाहत होती तो दिल तुम्हारा भी करता बात करने का होता.
अजब मंजिल पे ठहरा हुआ है रास्ता जिन्दगी
का सुकून ढ़ूढने चले थे, होश ही गंवा बैठे.
हमेशा से नो न रहा होगा इतना शख्त ए दिल,
जरूर किसी ने तेरी मासूमियत के साथ खेला होगा।
काश मिलता कोई ऐसा जो मुझपर मरता हो,
कोई ऐसा शक्श दे ख़ुदा जो मुझे खोने से डरता हो।
समय ने खुशियों को कुछ यु रोका मुझे मिला
अपनों का धोखा अब बस अपने में ही रहते है अपने गम
को अपने ही सहते है।
हमे लगा हमे देख कर मुस्कुराना सीखा है उन्होंने,
पर वो तो पैसों से मुस्कुराया करते थे।
भूलने की तुझे हमनें न जाने क्या क्या जुगाङ किये,
जिस वक़्त थी तो मेरी ज़िंदगी मे, उस वक़्त के पन्ने
भी हमने फाड़ दिये।
पता नहीं कैसे धोखा खाकर भी, हम जिंदा हैं
पर तुझसे इश्क करके हम बहुत शर्मिंदा हैं.
Baat Nahi Karne Ki Shayari
मोहब्ब्त भी करके देखी है, ये सब धोखा है।
वक़्त की बात है, वक़्त पर कोई किसी का नही होता है।
तजुर्बे ने फिर एक ही बात बताई,
नया दर्द ही है पुराने दर्द की दवाई।
हर भूल तेरी माफ़ की , हर खता को तेरी भुला दिया।
गम ये है कि मेरे प्यार का , तूने बेवफा बनके सिला दिया।
फिर से उसी शक्श से प्यार की उम्मीद करता है,
ऐ दिल तुझें इज्ज़त रास नही आती क्या?
तेरी यादों के नशे में हूँ अब सब भूल रहा हूँ बस तुझे
ही लिखता रहता हूँ और मशहूर हो रहा हूँ।
मोहब्बत💔 करने वाला में भी अक्सर ये सिला देखा ,
जिन्हे अपनी वफ़ा पे नाज़ 😌था उन्हें भी बेवफा देखा है.
पढ़ रहा हूँ इश्क़ की किताब ,
गर बन गया वकील तो दगाबाज़ की खैर नहीं।
फ़र्ज़ अपनी मोहब्बत का अदा करता रहूंगा ,
तुम हमेशा खुश रहना ये दुआ करता रहूंगा।
खाये है लाखो धोखे , एक धोखा और सह लेंगे।
तू लेजा अपनी डोली को हम अपनी अर्थी को बारात कह लेंगे।
मालूम है अब भी वो मोहब्बत करता है मुझसे ,
वो थोड़ा-सा ज़िद्दी है मगर धोखेबाज़ नहीं.
Baat Nahi Karne Ki Shayari
कैसी है ये हमारी तक़दीर, हर तरफ़ दगा ही पाया है।
दिल में तो प्यार ही प्यार है , लेकिन हर तरफ़ बेवफाओ
को पाया है।
कदम तुम्हारे लड़खड़ाते ही रहते थे ,
हमे लगा कि तुम्हे चलना ही नहीं आता।
आग दिल में लगी, जब वो खफा हुए महसूस हुआ तब,
जब वो जुआ हुए करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो पर बहुत
कुछ दे गए जब वो बेवफा हुए।
दिल हज़ार बार चीखे उसे चिल्लाने दीजिए,
जो आपका नही हो सकता उसे जाने दीजिए।
ना जाने ये कैसा तरीका है तुम्हारे प्यार करने का,
की तुम्हारा मन ही नहीं करता हमसे बात करने का।
कुछ ठोकरो के बाद समझदार हो गए हम,
अब दिल के मश्वरे पर यकीन नहीं करते हम।
प्यार 🥰 के समुन्दर में चाहत की लहर🌊 उठने पर
जो बह जाता है. या तो वो तुम जैसा आबाद🤨 या मुझ
जैसा बर्बाद😔 हो जाता है।
दिल से रोये मगर होठो से मुस्कुरा बैठे ,
यूं ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे।
बात उससे ही करो जो तुमसे बात करना चाहे,
यूँ किसी के पीछे पड़कर खुद को जलील करवाना
अच्छी बात नहीं।
मैं उसका सबसे पसंदीदा खिलौना था ,
वो रोज़ जोड़ते थे मुझे फिर से तोड़ने के लिए।
Baat Nahi Karne Ki Shayari in Hindi
मेरा दिल जानता है , दोनों मंज़र मैंने देखे है।
तेरे आने पे क्या गुज़री तेरे जाने पर क्या गुज़री।
पता नहीं कैसे धोखा खाकर भी, हम जिंदा हैं
पर तुझसे इश्क करके हम बहुत शर्मिंदा हैं.
तेरे लिए लड़ लिए इस दुनिया से ,
लेकिन हम हार गये अपने इस बदनसीब किस्मत से।
प्यार में अक्सर हार जाते है लोग, सजा के नाम पर
याद दे जाते है लोग. बस अपनी ख़ुशी के लिए दूसरो को ,
बेपनाह धोखा दे जाते है लोग।
मैं तेरी ज़िंदगी से चला जाऊ ये तेरी दुआ थी,
तेरी हर दुआ क़ुबूल हो ये मेरी दुआ है।
कुछ तो खोया है उसने भी मेरी तरह ,
मैंने चाहत गवाई तो उसने बेहद चाहने वाला।
कुछ लुटकर कुछ लुटाकर आया हूँ,
वफ़ा की उम्मीद में धोखा खाकर आया हूँ।
दर्द इतना था जिंदगी मे की धड़कन साथ देने से घबरा
गयी तेरी चाहत ने मुझे बेवफाई सिखा गयी…..
तू कभी मुझे मिले या न मिले बस इतनी से दुआ है
मेरी तू जिसे भी मिले तुझे उससे जिंदगी की
हर ख़ुशी मिले.
बात उससे ही करो जो तुमसे बात करना चाहे, यूँ किसी
के पीछे पड़कर खुद को जलील करवाना अच्छी बात नहीं।
Baat Nahi Karne Ki Shayari in Hindi
इंकार करते-करते इकरार कर बैठे ,
हम तो एक दगाबाज़ से प्यार कर बैठे।
अजीब बात है नाह कोई मरता रहता है बात
करने के लिए और किसी को परवाह तक नहीं।
की दिल टूट रहा है धड़कन ये दस्तक दे रही है
और तू मुझसे छूट रहा है मेरी रूह ये मुझसे कह रही है।
किसने कहा दूर होने में इश्क की हार हैं
जो प्यार पूरा न हुआ आखिर वो भी तो प्यार हैं.
कुछ लोग सोचते है कि मैं खुश नहीं,
लेकिन मैं चुप न रहने वाली दुनिया में चुप्पी पसंद करती हूँ ।
बात नहीं करती अब मुझे से लेकिन सच
मनो तो आज भी वो मेरे लिए बहुत खास है।
कभी-कभी पत्थर की ठोकर से भी कुछ नहीं होता
तो कभी-कभी छोटी सी बात भी इंसान को अंदर
तक बिखेर देती है।
किसी को क्या बताएं की कितने मजबूर है हम
जिसे चाहा सच्चे दिल से आज उसी से दूर है हम।