Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari :- बेवफाई का दर्द बहुत ही तीखा होता है। जब किसी से प्यार होता है और वह हमें धोखा दे देता है, तो हमारा दिल टूट जाता है। ऐसी स्थिति में हम बहुत ही दुखी और निराश हो जाते हैं। हमे कुछ भी अच्छा नहीं हैं।
बेवफाई का दर्द बयां करने के लिए हमने कुछ दर्द भरी शायरी (Dard Bhara Bewafa Shayari) लिखी हैं। इन शायरियों में बेवफाई के दर्द को बहुत ही खूबसूरती से बयां किया गया है।
Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari
वो निकल गए मेरे रास्ते से इस कदर कि,
जैसे कि वो मुझे पहचानते ही नहीं,
कितने ज़ख्म खाए हैं मेरे इस दिल ने,
फिर भी हम उस बेवफ़ा को बेवफ़ा मानते ही नहीं।
मैं इस अनुभव से सीखूंगा,
और मैं आगे बढ़ूंगा।
लेकिन मैं कभी नहीं भूलूंगा दर्द को,
जो मैंने क्रिप्टो में निवेश करने से झेला है।
सर झुकाने की आदत नहीं हैं
हमें आँसू बहाने की आदत नहीं है हमें
हम खो जायेंगे तो पछताओंगे तूम
क्योंकि वापस आने की आदत नहीं है हमें
बेवफा ने दिल को तोड़ दिया,
दर्द ने जिंदगी को बेकार कर दिया।
प्यार की राहों में मिला सिर्फ धोखा,
इस बेवफा की यादों ने जीना हर दिन हर
रोज़ कर दिया।
मैंने बहुत मेहनत की थी,
और मैंने अपनी पूरी किस्मत लगा दी थी।
लेकिन अब सब कुछ खत्म हो गया है,
और मैं नहीं जानता कि क्या करूं।
बेवफा से दिल लगा लिया नादान थे हम,
गलती हमसे हुई क्योंकि इंसान थे हम,
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती है,
कुछ समय पहले उनकी जान थे हम।
इंसान के कंधो पर इंसान जा रहा था,
कफ़न में लिपटा हुआ अरमान जा रहा था,
जिसे भी मिली बेवफाई मोहब्बत में,
वफ़ा कि तलास में शमसान जा रहा था।
बेवफा की वफा की आस में हूं मैं,
उसकी यादों से जी रहा हूं मैं।
दर्द भरी हर रात के बाद,
बेवफा का दिल से इंतजार करता हूं मैं।
तेरी आँखों का जादू था,
तेरे होने से ही ये यादें बदल गई।
मेरी खुशियों का दिल तूने चुराया,
दर्द भरी ये बेवफा यादें मेरी राहों में
बिखर गई।
मोहब्बत की सजा बेमिसाल दी उसने,
उदास रहने की आदत सी डाल दी उसने,
मैंने जब अपना बनाना चाहा उसको,
बातों-बातों में बात टाल दी उसने।
न पूछ मेरे सब्र की इन्तहां कहाँ तक है,
तू सितम कर ले तेरी हसरत जहाँ तक है,
वफ़ा की उम्मीद जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमे तो देखना है तू बेवफा कहाँ तक है।
दर्द की ये रातें, बेवफा की यादें,
हर कदम पर दिल को तू याद आता है।
तेरे ख्वाबों में बिताई रातें,
अब तेरी बिना जीना सच्ची मुश्किल आता है।
छोड़ गए हमको वो अकेले ही राहों में,
चल दिए रहने वो औरों की पनाहों में,
शायद मेरी चाहत उन्हें रास नहीं आई,
तभी तो सिमट गए वो गैर की बाहों में।
जब दिल हो बेहलाने की चाहत,
न्यू सैड शायरी से दिल को बेहला लो।
खुशियाँ मिलें तुम्हें हमेशा हर दिन,
ये दुआ है मेरी, इस ख्वाब को सचा लो।
दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बैठे,
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे,
वो हमे एक लम्हा न दे पाए प्यार का,
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बैठे।
नफरत को मोहब्बत की आँखों में देखा,
बेरुखी को उनकी अदाओं में देखा,
आँखें नम हुईं और मैं रो पड़ा..
जब अपने को गैरों की बाहों में देखा।
जब भी उनकी गली से गुज़रते हैं,
मेरी आँखें एक दस्तक दे देती हैं,
दुःख ये नहीं वो दरवाजा बंद कर देते हैं,
ख़ुशी ये है कि वो मुझे पहचान लेते हैं।
मैंने कुछ इस तरह से खुद को संभाला है,
तुझे भुलाने को दुनिया का भरम पाला है,
अब किसी से मुहब्बत मैं कर नहीं पाता,
इसी सांचे में एक बेवफा ने मुझे ढाला है।
जब सड़कों पर चलते हैं हम,
नई सड़कें बनती हैं कहां।
जीवन की सड़क पर चलना है,
नए सफर का मिलेगा एक अहसान।
मुझे तुझसे कोई शिकवा या शिकायत नहीं,
शायद मेरे नसीब में तेरी चाहत नहीं है,
मेरी तकदीर लिखकर खुदा भी मुकर गया,
मैंने पूछा तो बोला ये मेरी लिखावट नहीं है।।
तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना,
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे,
तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर,
कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे।
अगर दुनिया में जीने की चाहत न होती,
तो खुदा ने मोहब्बत बनायी न होती,
इस तरह लोग मरने की आरजू न करते,
अगर मोहब्बत में किसी की बेवफाई न होती।
अक्सर जब हम उनको याद करते हैं,
अपने रब से यही फरियाद करते हैं,
उम्र हमारी भी लग जाए उनको,
क्योंकि हम उनको
खुद से भी ज़्यादा प्यार करते है|
एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यूँ है,
इन्कार करने पर चाहत का इकरार क्यूँ है,
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद,
फिर भी हर मोड़ पर उसका इंतजार क्यूँ है।
शायरी तो बस एक बहाना है,
इरादा तो बस तुम्हारा एक पल चुराना है,
तुम मुझे याद करो या ना करो,
मुझे तो बस तुम्हारे खयालो में आना है।
हम जानते है आप जीते हो जमाने के लिए,
एक बार तो जीके देखो सिर्फ हमारे लिए,
इस नाचीज़ की दिल क्या चीज़ है,
हम तो जान भी देदेंगे आप को पाने के लिए।
हर कदम हर पल साथ हैं,
दूर होकर भी हम आपके पास हैं,
आपका हो न हो पर हमें आपकी कसम,
आपकी कमी का हर पल अहसास है।
चाहत इतनी थी की उनको दिखाई न गई,
चोट दिल पर लगी इसलिए दिखाई न गई,
हम चाहते तो थे सारी दूरियां मिटाना,
लेकिन दूरियां इतनी थी की मिटाई न गई।
दिन हुआ है, तो रात भी होगी,
मत हो उदास, उससे कभी बात भी होगी।
वो प्यार है ही इतना प्यारा,
ज़िंदगी रही तो मुलाकात भी होगी।
जान देने का कहा मैंने तो हँसकर बोले,
तुम सलामत रहो हर रोज के मरने वाले,
आखिरी वक़्त भी पूरा न किया वादा-ए-वस्ल,
आप आते ही रहे मर गये मरने वाले।
तेरी वफा का वादा था,
मेरे दिल की हर खुशी बिछा था।
पर क्या करें, तू ही निभाने निकला,
दर्द भरी ये बेवफा यादें बचाने निकला।
दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बैठे
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे
वो हमे एक लम्हा न दे पाए प्यार का
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बैठे।
वो नही आती पर अपनी निशानी भेज देती है,
ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देती है,
उसकी यादों के पल कितने भी मीठे हैं,
मगर कभी कभी आँखों में पानी भेज देती है।