Best 2 Line Shayari in Hindi | हिंदी शायरी दो लाइन | Two Line Romantic Shayari in Hindi | 2 लाइन शायरी इन हिंदी | Two line Love Shayari in Hindi | 2 लाइन रोमांटिक शायरी इन हिंदी |

Two Line Shayari in Hindi

कोई सबूत नहीं मोहब्बत का मेरे दोस्त
बस उनका नाम सुनाई दे और धडकने बढ जाती हैं_!!

 

ज़िंदा मैं भी हु, ज़िंदा वो भी है,
क़त्ल तो सिर्फ हमारी मोहब्बत का हुआ है..!!

 

हर छोटी-छोटी बात पर तुझसे लड़ता हूं झगड़ता हूं
पर प्यार भी तो मेरी जान तुमसे कई गुना ज्यादा करता हूं.

 

छोड़ रखा है मुझे यहां, साथ ले क्यूं नहीं जाते,
कैसे समझाऊं उसे,जां निकलना इसे ही कहते,,!!!

 

बाँध कर रख ली है मैंने अपनी आँखों में ख़ुशबू तेरी !!
अब महकी सी रहती हूं मैं भी किसी गुलशन की तरह !!

 

खुश होना हो तो बेवजह हो जाइए साहब ..
वजह आज कल मंहगी हो गई हैं ..!!

 

हर वक्त रुठता हूं, तुझे डांटता हूं पर जब तू नहीं मनाती
तो जीवन को दर्द की खाई में डुबो देता हूं.

 

दर्द को भी कोई आधार कार्ड से जोड़ दो
जिन्हें मिल गया उन्हें दुबारा ना मिले !!

 

आते-जाते छेड़ता हूं तुझे माना थोड़ा शैतान हूं
पर जब भी तू थोड़ी सी बीमार हो जाए तो घबरा जाता हूं.

 

हर रोज तेरा कोई funny नाम निकालता हूं
और उन नामों से तुझे पुकार कर खुद ही हंस जाता हूं.

 

माना जिद्दी हूं थोड़ा जो तेरा मन ना हो कभी
तो भी अपने मन का काम करता हूं.

 

कलम से लिखने की रिवाज़ फिर से आनी चाहिए,
ये Online वाली दुनिया बड़ा फरेब फैला रही है,

 

सज़ा ये मिली कि अब दूर रहते हैं सबसे
ख़ता ये है कि सच बोल दिया करते हैं..

 

कुछ लोग_You_Tube_Adds_की तरह होते हैं
बस आते हैं और_Mood_खराब करके चलें जाते हैं..!!

 

एक वैक्सीन मुझे भी चाहिए
तेरी मौजूदगी की उम्र भर के लिए 😘

 

जो अपना है ही नहीं , उस पर हक क्या जताना…
जो तकलीफ ना समझे , उसे दर्द क्या बताना…

 

होने तो दो ज़रा उनको भी तन्हा फिर देखना,,,¡¡
याद हम भी उन्हें बेहिसाब आएगे…!!

 

आंखों में चमक चेहरे पर हंसी,
तुझे देखकर हमें बहुत ही ज्यादा होती है खुशी।

 

रोज बदलो मत इसको लिबासों की तरह,
ये रिश्ते है जनाब बाजारों में कहाँ मिलते है !!

 

एहसास कभी बोलकर नहीं करवा जा सकता,
जिसे एहसास करना होता है वो खुद ही कर लेते है !!

 

दूरियों का ग़म नहीं अगर फ़ासले दिल में न हो!
नज़दीकियां बेकार है अगर जगह दिल में ना हो!!!

 

मैं वाकिफ हूं 4 दिन की मोहब्बत से
मैं भी रह चुका हूं अजीज किसी का

 

मुठ्ठी में बंद चंद लकीरों का इतराना तो देखिए..!!
हाथों में हैं फिर भी हाथ में नहीं….!!!!

 

दिल की हर धड़कन ने तेरा ही नाम लिया,
तेरे यादों के सहारे जिंदगी जीने का बहाना लिया।

 

जिंदगी है इसीलिए गुजार रहे हैं…..
बाकी हमें गुजरे जमाना हो गया…..!!

 

उसकी गर्म निगाहों से ही जल जाती है सिगरेट,
इस आतिशी हुस्न ने, माचिस की बचत कर दी..!🚬

 

ये सर्दी हमारी बाहों में आकर ही ख़त्म होगी,
ये तुम्हारी नई ‘शॉल’ मसले का हल नहीं..!!

 

मैने कब कहा मोहब्बत कीजिये..!!
क़ाबिल – ए – नफरत हूं आप भी कीजिये…!!

 

चाहत की बहार आई होंठों पर मुस्कान आई,
तुम्हारे चेहरे की मासुमियत हमारी आंखों में समाई।

 

होता होगा हुनर चुप रहने का लोगों में,
साफ़ साफ़ कहने का तो एब है हम में !!

 

ये तुम्हारी ही सजा की इन्तहा थी ..
तुम थे मेरे सामने और ..खामोशी बेइन्तहा थी …!!

 

अब उतर ही गये हो दिल मे, तो इतना भी बता दो..!!
तड़पाते रहोगे यूं ही, कि कभी गले भी लगाओगे..!!!

 

पूरी दुनिया को खफा रहने दो
अगर मां-बाप खुश हैं तो सिकंदर हो तुम…

 

फिर से तेरी यादों का मेरे दिल में बबंडर है,
यही मौसम, वही सर्दी, वही दिलकश नवम्बर है…!!

 

ख़त की खुशबु  ये बता रहीं थीं
लिखते हुए उसके बाल खुले थे !!

 

तुम जो साथ हो तो दुनिया भी अपनी सी लगती है…
वरना तो सीने में सांस भी पराई लगती है!!

 

क्यूँ नहीं महसूस होती उसे मेरी तकलीफ,
जो कहते थे बहुत अच्छे से जानते हैं तुझे……!!

 

गुज़ारिशें थक न जायें कहीं मिन्नते करते करते,
कभी तो दुआ की तरह आ के तू थाम ले मुझे..!!

 

छोङ दिया सबको बिना वजह तंग करना…,
जब कोई अपना समझता ही नही…तो उन्हें अपनी
याद क्या दिलाना ?💔🥀

 

जिस की सज़ा सिर्फ तुम हो…
मुझे वैसा कोई.. गुनाह करना है… ❤️

 

दिल के हर रास्ते पर तेरा ही नाम आता है,
तेरे सिवा किसी और का चेहरा हमको नही भाता है।

 

याद रखना ही मोहब्बत में नहीं है सब कुछ,
भूल जाना भी बड़ी बात हुआ करती है।

 

निगाहें नाज़ करती है फ़लक के आशियाने से,
खुदा भी रूठ जाता है किसी का दिल दुखाने से।

 

तुमको दे दी है इशारो में इजाज़त मैंने
मांगने से ना मिलू तो चूरा लो मुझको……

 

लम्हे फुर्सत के आएं तो, रंजिशें भुला देना दोस्तों,
किसी को नहीं खबर कि सांसों की मोहलत कहाँ तक है।

 

याद रक्खेगी वो जायका उम्र भर,
उसके होंठो का पहला तजुर्बा हूँ मैं।

 

इबादत सी कर ली है हमने तुमसे इश्क करके..!
तुम्हे याद किये बिना ना दिन निकलता  है
ना शाम ढलती है..!!

 

एक ताबीज़.. तेरी-मेरी दोस्ती को भी चाहिए..
थोड़ी सी दिखी नहीं कि नज़र लगने लगती हैं।

 

कुछ देर की शायरी नहीं…
ज़िन्दगी भर की कहानी हो तुम..।।

 

तेरी आंखों को देखकर चांद भी शर्मा जाता है,
तेरी प्यारी खुशबू से फुल भी महक जाता है।

 

नाराजगी मुझसे ऐसे भी जताती थी वो …
खफ़ा जिस रोज़ होती थी ..
न बाल बनाती थी .. न काजल लगाती थी वो.

 

न जाने कब खर्च हो गये, पता ही न चला,
वो लम्हे, जो छुपाकर रखे थे जीने के लिये।

 

मुझे भी पता है कि तुम मेरी नहीं हो,
इस बात का बार बार एहसास मत दिलाया करों।

 

गज़ब की बेरुख़ी छाई हे तेरे जाने के बाद,
अब तो सेल्फ़ी लेते वक़्त भी मुस्कुरा नही पाते।